समाज की आधारशिला है त्याग और समर्पण- शोभा ताई पैठणकर
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नागपुर। व्यक्ति की पहली जिम्मेदारी अपने परिवार,पास- पड़ोस और समाज को गढ़ने की होती है। हम अपनी जिम्मेदारियों का जितनी निष्ठापूर्वक निर्वाह करते हैं, उतने ही बेहतर समाज निर्माण में योगदान देते हैं। समाज त्याग, समर्पण और निष्ठा से पल्लवित होता है।यह बात शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, दिल्ली की महाराष्ट्र प्रभारी एवं महिला कार्य की राष्ट्रीय संयोजिका, म. प्र. लोकसेवा आयोग की पूर्व सदस्य शोभा ताई पैठणकर ने कही। वे न्यास के स्थापना दिवस के अवसर पर प्रांतीय बैठक को संबोधित कर रही थीं। चर्चा का विषय था- 'समाज निर्माण में हमारी भूमिका'। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रगत समाज के निर्माण में उसके नागरिकों की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
न्यास के प्रांतीय संयोजक डॉ. मनोज पांडे ने समाज में व्यक्ति की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि मनुष्य समाज की प्रारंभिक इकाई होने के नाते समाज- निर्माण का सर्वाधिक जिम्मेदार पक्ष होता है। समाज में प्रेम, सौहार्द, समन्वय और भाईचारा निर्माण करना प्रत्येक व्यक्ति का मूल कर्तव्य होता है। व्यक्ति अपने कर्तव्यों का सम्यक् निर्वहन करते हुए एक बेहतर समाज की परिकल्पना में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। डॉ. लखेश्वर चंद्रवंशी ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व के माध्यम से समाज में व्यक्ति की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि स्वामी जी ने प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्तर पर श्रेष्ठ कार्य करने की प्रेरणा दी है। इस अवसर पर डॉ. सुमित सिंह, प्रा. दामोदर द्विवेदी, डॉ. एकादशी जैतवार, प्रा. जागृति सिंह आदि ने भी विचार व्यक्त किया।