मां का आशीर्वाद जरूरी है : गिरीश पंकज
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नागपुर। शहर के जाने माने लेखक,प्रकाशक और महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी में नागपुर का प्रतिनिधित्व कर चुके भूतपूर्व सदस्य अविनाश बागड़े की बहुचर्चित ‘दोहे चाय के संग’ जो उन्होंने 1 जनवरी 2024 से 24 जून 2024 निरंतर लिखकर सोशल मीडिया के विश्वव्यापी पटल फेस बुक पर प्रस्तुत किया।उन्हीं 700 दोहों के पुस्तकाकार प्रारूप यानि दोहा सतसई का लोकार्पण उन्होंने अपनी मातुश्री लीला बागड़े जी के हस्ते उनके जन्मदिन पर सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार, कवि, संपादक सद्भावना दर्पण गिरीश पंकज की उपस्थिति में रायपुर स्थित अपनी मां के घर पर किया। इस अवसर पर मोहन साहू, डा जगदीश डागर , डा विशाखा बागड़े, नीना चोखाआंद्रे माधवी लांजेवार, डा सुशील बागड़े सहित अनेक गणमान्य लोगों और परिजनों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
इस अवसर पर बोलते हुए गिरीश पंकज ने कहा.. जब माताजी का जन्मदिन मनाया जा रहा है, तो इससे सुंदर बात दूसरी नहीं हो सकती कि उन पवित्र हाथों से ही नई कृति का लोकार्पण करवा दिया जाए। इस अभिनव सोच के लिए अविनाश बागड़े को बहुत-बहुत बधाई।
अविशा प्रकाशन की इस कृति के प्रकाशन और उसके लोकार्पण स्वरूप पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा सागर खादीवाला, व्यंग्यकार अनिल मालोकर ने अभिनंदन किया।