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NVCC ने आयकर के विभिन्न मुद्दो पर Principle CCIT रीना झा त्रिपाठी को प्रतिवेदन सौंपा


नागपुर। विदर्भ के 13 लाख व्यापारियों की अग्रणी व शीर्ष संस्था नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स के अध्यक्ष अर्जुनदास आहुजा ने चेंबर के सचिव सचिन पुनियानी, प्रत्यक्ष कर समिती के संयोजक सी.ए. संदीप जोतवानी, सहसंयोजक सी.ए. यश वर्मा, कार्यकारणी सदस्य सलीम अजानी, सी.ए. विजय अग्रवाल के साथ आयकर के अनुपालनों के में हो रही विभिन्न समस्याओं एवं मुद्दो पर रीना झा त्रिपाठी (Principle CCIT, Vidarbha) को प्रतिवेदन दिया। चेंबर के अध्यक्ष अर्जुनदास आहुजा ने  रीना झा त्रिपाठी का चेंबर की ओर से दुपट्टा व पुष्पगुच्छ देकर सत्कार किया। 

प्रतिवेदन देकर बताया कि चेंबर व्यापारियों के हितार्थ सरकारी व गैर सरकारी विभागों के मध्य सेतु के रूप में उनके समक्ष व्यापारियों के परेशानियों एवं समस्याओं का रखकर हल कराने का कार्य करती है। केन्द्र सरकार एवं केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी द्वारा समय-समय पर व्यापारी समुदाय के लिए सराहनीय नियम व कानून बनाए गए है। फिर भी वर्तमान आय करदाताओं को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। चेंबर के सचिव सचिन पुनियानी ने बताया कि वर्तमान में ऐसा देखने में आता है कि करदाताओं कें अपील में जाने के बाद उनकी अपीलों का निपटान समय पर नहीं हो पा रहा है। 

हमारा आपसे निवेदन है कि अपीलों का समय रहते विवेकपूर्ण तरीके से निपटारा किया जाना चाहिए। साथ ही कभी-कभी कुछ अपरिहार्य कारणों से व्यवसायी द्वारा आयकर रिर्टन दाखिल करने में देर होती है ऐसे में व्यापारियों द्वारा देरी की माफी के लिए आवेदन किया जाता है ऐसे आवेदनों का निपटारा करने में विभाग द्वारा देरी होने से व्यापारियों का परेशानियों का सामना करना पडता है।अतः ऐसी आवेदनों के निपटारा जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। चेंबर ने निवेदन किया कि छोटे व मध्यम व्यापारियों की परेशानियों को संज्ञान लेकर उपरोक्त सुझावों को अमल में लाकर व्यापारियों राहत देना चाहिये। चेबर की प्रत्यक्ष कर समिती के संयोजक सी.ए. संदीप जोतवानी ने आयकर रिटर्न प्रोसेसिंग की त्रुटियांें की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि रिर्टन प्रोसेसिंग में कई बार TDS/TCS का क्रेडीट में नही दिया जो कि फार्म 26 ए में दर्शाए गए होते है। साथ ही उन्होंने त्रिपाठी से निवेदन किया कि आयकर भवन में सी.पी.सी. से संबंधित मुद्दों के लिए हेल्पलाईन नं. जारी करना चाहिए। 

जहां पर करदाताओं द्वारा दर्ज शिकायतों को संबंधित विभाग तक प्रेषित कर उनका निपटारा हो सके। वर्तमान में प्ज्त् दाखिल करने के 30 दिनों के अंदर ई-सत्यापन करने की मंजूरी है किंतु पुर्व में कई प्ज्त् का करदाताओं द्वारा समय सीमा के अंदर ई-सत्यापन नहीं किया गया है जिसके कारण उनके प्ज्त् को अमान्य घोषित किया जा रहा है। हमारा आपसे निवेदन है कि आपके द्वारा ऐसे करदाताओं को एक बार और अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। चेंबर की प्रत्यक्ष कर समिती के सहसंयोजक धारा 154 के तहत हुई गलतियों का सुधार आॅनलाईन मोड में होने के कारण काफी लंबा समय लग रहा है। जिसके कारण इनकी डिमांड बरकरार रहते हुए इनके रिफंड को अगली अवधि में समायोजित किया जाता है। हमारा आपसे निवेदन है यदि इन गलतियों का सुधार समय सीमा नहीं हो पा रहा है तो इन मुद्दो को ब्च्ब् से श्र।व् में स्थानांतरित किया जाना चाहिए ताकि प्रस्तावित हेल्पालाइन के माध्यम से इन मुद्दों का जल्द से जल्द हल किया जा सके।  प्रिंसिपल आयकर आयुक्त रीना झा त्रिपाठी ने चेंबर के प्रतिवेदन को ध्यान से सुनने के बाद आश्वासन दिया कि वे करदाताओं की परेशानियों को विभाग तक पहुँचाकर उन्हें हल कराने का प्रयास करेंगी।
उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति द्वारा सचिव श्री सचिन पुनियानी ने दी।
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