सोसायटी कार्डियोलॉजिकल ऑफ इंडिया द्वारा ‘आईसीडी की सभी बुनियादी बातों पर कार्यशाला’ का किया आयोजन
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नागपुर। कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया, विदर्भ चैप्टर 2024-25 ने रविवार, 23 जून 2024 को होटल सेंटर प्वाइंट, रामदासपेठ, नागपुर में "आईसीडी की सभी बुनियादी बातों पर कार्यशाला" का आयोजन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत मे अध्यक्ष सीएसआई वीसी, डॉ. दिपक साने द्वारा "परिसंवाद का परिचय" कराया गया। उन्होंने कहा, "इंप्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (आईसीडी) हृदय से जुड़ा एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। इसका उपयोग हृदय के साथ संभावित तेज और जीवन-घातक विद्युत समस्याओं की लगातार निगरानी करने और उन्हें नियंत्रित करने में मदद करने के लिए किया जाता है। एक इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (आईसीडी) दिखता है पेसमेकर के समान, हालांकि थोड़ा बड़ा है। यह काफी हद तक पेसमेकर की तरह काम करता है। लेकिन आईसीडी एक ऊर्जा झटका भेज सकता है जो असामान्य दिल की धड़कन गतीको पुनः श्च सामान्य कर देता है। कई उपकरण उन लोगों के लिए एक इकाई में पेसमेकर और आईसीडी को संयुक्त जोड़ते हैं।
पहले सत्र में, सबसे पहले "आईसीडी के संकेत" परबात करने वाले डॉ. अजीज खान थे। टी. के. गोविंद ने "आईसीडी कार्यप्रणाली की मूल बातें" पर चर्चा की। डॉ. पी.के.देशपांडे, डॉ. विवेक मांडुरके, डॉ. सुशांत पाटिल ने सत्र की अध्यक्षता की। अगला "डीएफटी परीक्षण के बारे में सब कुछ" डॉ.जसविंदर सिंह द्वारा समझाया गया। कितनाकम और कितना अधिक विद्युत झटका जरुरी है जो दृतगती को रोकने कामयाब हो यह जानकारी यह निश्चित करना महत्वपूर्ण है। डॉ. दलजीत कौर ने "प्राथमिक बनाम एससीए की माध्यमिक रोकथाम में आईसीडी प्रोग्रामिंग" पर बात की। पिठासीन अध्यक्ष डॉ. प्रमोद मूंधडा डॉ. अतुल सिंह राजपूत तथा डॉ. आकाश लोहकरे थे। डॉ. चेतन राठी. द्वारा "अनुचित झटके कैसे कम करें" पर चर्चा की गई। आईसीडी समस्या निवारण मामले डॉ. दलजीत कौर द्वारा प्रस्तुत किए गए। सत्र की अध्यक्षता डॉ. अनिल जवाहिरानी, डॉ. गजेंद्र मनाक्षे अग्रवाल, एवं डॉ. हृषिकेश उमालकर द्वारा की गयी।
अंत में सभी वक्ताओं द्वारागुट चर्चा की गई। हर मैरिज की जरूरत अलग होती है, तबियत बिगड़ी हो, अन्य शारीरिक गड़बड़ी को लेकर उचित सलाह दी जाती है। संगोष्ठी के संयोजक डॉ. अजीज खान थे। धन्यवाद ज्ञापन और समापन टिप्पणियाँ डॉ. मनीष जुनेजाद्वारा प्रस्तुत की गईं। कार्यक्रम में बड़े पैमाने पर शहर के युवा नवोदित हृदय रोग विशेषज्ञ और वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया।