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मेरे प्यारे पापा


पापा की हूं बिटियाँ रानी
करती मैं उनसे से नादानी
पर भी पापा मुझे समझते
यह है बडी अनमोल कहानी। 

जब मैं रूठ जाती हूँ तो
पापा मुझे मनाते हैं
इस दुनिया की अदभुत बातेँ
मुझको वह सिखाते हैं। 

मेरे पापा अच्छे पापा
अच्छे बहुत ही अच्छे हैं
काम  काज दुनिया दारी का
अनोखा ग्यान मुझे समझाते हैं। 

 जब जब आता है इतवार
मुझे घुमाने ले जाते हैं
बर्गर, पिज्जा, चाऊ-मीन वह
बड़े चाव से मुझे खिलाते हैं।

मेरे पापा अच्छे पापा
अच्छे  बहुत ही अच्छे हैं। 

- मिंहू अग्रवाल 

   नागपुर महाराष्ट्र
काव्य 333120469706606661
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