मरीज की दवाई धीरे-धीरे कम की जाए:- डॉ पेंढारकर
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वीपीएसीओएन 2024 का आयोजन सफल
नागपुर। मनोचिकित्सा सोसायटी नागपुर और विदर्भ मनोरोग संघ की ओर से ' वीपीएसीओएन, 2024 का आयोजन होटल सेंटर पॉइंट में किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर से आए मनोचिकित्सकों ने अपने-अपने अनुभव साझा करते हुए उपस्थित प्रतिनिधियों का मार्गदर्शन कर उनकी समस्याओं का हल ढूंढने का प्रयास किया। कार्यक्रम की शुरुआत पेपर एवं पोस्टर प्रेजेंटेशन से हुई। पाँच प्रतिनिधियों ने पेपर प्रजेंट किया जबकि सात प्रतिनिधियों में पोस्टर का प्रस्तुतीकरण किया।
अकोला से आए मनोचिकित्सक डॉ. श्रेयस पेंढारकर ने अपने अनुभव साझा करते हुये बताया कि इस फास्ट जीवन शैली में लोग किस तरह से व्यस्त है और उन्हें खुद को देने के लिए समय तलाशना पड़ता है। समय के अभाव में वह धीरे-धीरे बीमारी की ओर बढ़ने लगते हैं और दवा के आदी बन जाते हैं। रोगियों की दवाई कैसे कम की जाए और धीरे-धीरे कैसे छुड़ाई जाए इस विषय पर डॉ. पेंढारकर ने गहराई से प्रकाश डाला, जहां पर डॉ. शेखर शेषाद्री ने बाल विकास पर अपने विचार रखते हुए कहा कि जैसे जैसे बच्चा बढ़ता है वैसे-वैसे उसमें बदलाव आते जाते हैं इसी तरह प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. तारु जिंदल ने विवाह उपरांत शुरू -शुरू में महिलाओं के साथ संभोग में होने वाली समस्या पर प्रकाश डालते हुए उसका समाधान बताया।
डॉ. अविनाश डिसूजा ने आत्महत्या के कारण और निवारण विषय पर अपने मत रखें। डॉ. अलका सुब्रमण्यम ने वयोवृद्ध आयु के लोगों में होने वाले मानसिक समस्याओं पर प्रकाश डाला और इससे निजात पाने के उपाय बताएं, जहां पर डॉ. धारव शाह ने नशा मुक्ति पर अपने विचार रखते हुए बताया कि नशे से मरीज को कैसे दूर रखा जाए और उसे इस रोग से कैसे मुक्ति दिलाई जाए वहीं पर डॉ. सलीम मुजावर ने न्यायालय में मनोचिकित्सक की भूमिका पर गहराई से प्रकाश डाला। कार्यशाला में बड़ी संख्या में विभिन्न शहरों से डॉक्टर व प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।