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कैंसर का मुकाबला भय से नही, धैर्य से करें : डॉ अरूंधति लोटे


नागपुर। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी आम हो गई है। शुरूआती दौर में इलाज करवा लिया जाए तो काफी हद तक इससे बचा जा सकता है। शुरूआत में महिलाएं संकोचवश या मामूली -सा दर्द होने के कारण कह नही पाती हैं लेकिन अगर गाठ स्तन में बनना व हल्का-सा भी दर्द महसूस होना कैंसर की निशानी है। कैंसर तंबाकू, खैनी, खर्रा, धूम्रपान व शराब इत्यादि पदार्थों के खाने से होता है। और भी बहुत से कारण हैं और ये शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है। इसलिए शीघ्र अतिशीघ्र चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए। इसका मुकाबला भय से नही, धैर्य से करना चाहिए उक्त विचार विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम अभिनंदन मंच, ज्येष्ठ नागरिकों का सम्मान कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं, ब्रेस्ट कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. अरूंधति लोटे ने व्यक्त किए। विशेष अतिथि संस्था के पदाधिकारी कुंजबिहारी अग्रवाल उपस्थित रहे। अग्रवालजी ने विशेष पुरस्कारभी वितरित किए। 

 कैंसर जागरूकता हेतु एक प्रभावी लघुनाटिका मंचित हुई। जिसका लेखन व निर्देशन शांतनु दास ने किया। अभिनय में शांतनु दास ने रोगी, अर्चना साठे ने पत्नी व राघव ने डाक्टर की भूमिका अदा की। तत्पश्चात आओ हंसें और हंसायें प्रतियोगिता आयोजित की। जिसमें प्रथम पुरस्कार संतोष बुद्धराजा, द्वितीय पुरस्कार विवेक असरानी तृतीय पुरस्कार प्रकाश डफर ने प्राप्त किया। विशेष पुरस्कार चांदी का सिक्का,  विशेष अतिथि कुंजबिहारी अग्रवाल ने आर्या भोंगाडे को प्रदान किया। कार्यक्रम का संयोजन विनोद नायक ने किया। संचालन  डा. कृष्ण कुमार द्विवेदी व माया शर्मा ने किया। अभय पांडे, अमिता शाह, सुरेंद्र हरडे, नंदिनी सुदामल्ला, अशोक रावल, आज़म खान ने प्रतियोगिता में भाग लिया। बड़ी संख्या में श्रोताओं की उपस्थिति रही। 
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