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उभरते सितारे में 'मुस्कुराते पल'


नागपुर। आप सब की मेहनत लगन और डिवोशन, परंपराओं को, आस्थाओं को, श्रृद्धाओं को उन्नति की ओर सामने लेकर जाता है। हम जो भी मूल्य निर्धारण करते हैं, उस मूल्य के पीछे हमारी सच्चाई अगर होती है तो, मुझे लगता है की सच्चाई से अच्छाई पैदा होती है। भारत का पूरा का पूरा विवरण सच्चाई और अच्छाई से बंधा है। गांधी जी ने हमेशा एक बात कहा था कि, जब तक हम सच्चाई और अच्छाई को लेकर सामने नहीं जाएंगे, एक नया भारत नहीं बन पाएगा। दूसरी ओर, सच्चाई और अच्छाई का, समानता का आधार हमारे संविधान में बंधा है। हमारी स्वतंत्रता हमारे मूल्यों से जो भी आई है, वह हमारे संवैधानिक संरचना के माध्यम से आई है। और, आज इन बच्चों की प्रस्तुतियों को देखकर लगता है कि, यही समां कल इन बच्चों के माध्यम से एक नया इतिहास बनाएगा। यह विचार प्रोफेसर डॉ संदीप तुंडूरवार जी ने बच्चों के बीच रखकर उन्हें प्रोत्साहित किया।


विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'खेल-खेल में सीखें' थीम पर ज्ञानवर्धक, संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में बिंझानी नगर महाविद्यालय के राजनीति शास्त्र के विभाग प्रमुख प्रोफेसर डॉक्टर संदीप तुंडूरवार जी उपस्थित थे । इनका सम्मान, संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। इस अवसर पर नागपुर विद्यापीठ के ताराचंद चौहान जी प्रमुखता से उपस्थित थे। सर्वप्रथम कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए संयोजक युवराज चौधरी ने 'मुस्कुराते पल' विषय पर बच्चों और उनके अभिभावकों के उनके बचपन की, अपनों के साथ बिताए हुए मधुर स्मृतियों को याद दिलाया और कहा की कैसे उन पलों में अपने मुस्कुराया होगा। सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने भी थीम पर अपने अनुभवों को साझा किया।


तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस थीम पर अपने विचार रखते हुए अपनी सुंदर कला का प्रदर्शन कर सबको मंत्रमुग्ध किया। जिसमें, सम्पूर्णा रेमंडल ने मुस्कुराते पल की सुंदर कविता सुनाई। अपने सुमधुर गीतों की श्रृंखला में श्रेया हरणे, हर्षाली हरणे, भव्या अरोरा, अर्चिता लखोटे, राम बागल और पुलस्त्य तरारे ने सुंदर गीत की प्रस्तुति दी। श्री बागल, तृप्ति तळवेकर, भव्या अरोरा और सम्पूर्णा रेमंडल के सुंदर नृत्य ने सबका का मन मोह लिया। 

प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को रविशंकर मिश्रा, प्रीति अभिजीत बागल, एमके गिरडकर,  मीनाक्षी केसरवानी, रूपाली तलवेकर, दीपक भावे, सुहास तिरपुडे, अश्विनी अजय लखोटे, आशा वेदप्रकाश अरोरा, सुनीता हरणे, योगिता तरारे, मोनिका रेमंडल आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन, सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा, उपस्थित सभी दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार, संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।
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