उभरते सितारे में 'गुनगुनाते जाएं'
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नागपुर। योग से शरीर को आराम मिलता है। लेकिन, संगीत से मन को शांति मिलती है। कभी भी, किसी भी बात से निराश ना हो। जीवन में आगे बढ़ने के लिए मेहनत करना जरूरी है। अपने पसीने से ही इतिहास बना सकते हैं। यह विचार डॉ पल्लवी भगत जी ने बच्चों के बीच रखें और अपने शेरो शायरी से सबका का मन जीत लिया।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नव प्रतिभाओं को समर्पित लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'गुनगुनाते जाएं' थीम पर ज्ञानवर्धक, संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन अर्पण हॉल में किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में सुपरिचित दंत चिकित्सक डॉक्टर पल्लवी भगत जी अतिथि के रूप में उपस्थित थी। इनका सम्मान, स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया गया। इस अवसर पर प्रणोति डांस अकैडमी की निर्देशिका प्रणोती आचरेकर और प्रोफेसर डॉ शालिनी तेलरांधे जी प्रमुखता से उपस्थित थी। सर्वप्रथम कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए संयोजक युवराज चौधरी ने 'गुनगुनाते जाएं' विषय पर बच्चों और उनके अभिभावकों को समझाया कि हर परिस्थिति में मन में उत्साह और प्रसन्नता रखते हुए गीत गुनगुनाते जाएं। जिससे कार्य में आपका मन भी लगा रहेगा और सफलता भी मिलेगी।
तत्पश्चात, बच्चों ने भी थीम पर अपने विचार रखते हुए अपनी सुंदर कला का प्रदर्शन किया। सुमधुर गीतों को जिनीषा भोजवानी, मृणाल तेलरांधे, राम बागल, हर्षाली हरणे, भव्या अरोरा तथा अंश मखीजा ने कीबोर्ड वादन करते हुए सुंदर गीत की प्रस्तुति दी। स्वरा हेमराज गावंडे, सान्वी राहुल सस्ते, आराध्या पवार, तनु माहुरतडे, लावण्या डहारे, आराध्या बोंद्रे, भव्या अरोरा, श्रेयसी धास्कट, हर्षाली हरणे, प्रिशा भैया और पूर्वी मंगेश वैद्य के सुंदर नृत्य ने सबका का मन जीत लिया।
प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को डीपी भावे, सुहास तिरपुडे, सुनीता हरणे, रूपाली गावंडे, आशा वेदप्रकाश अरोरा, प्रीति अभिजीत बागल, देवस्मिता मानस पटनायक, प्रवीण माहुरतडे, नम्रता भोजवानी, महक मखीजा, शीतल मंगेश बोंद्रे, श्रीकांत भैया, जयंत जोशी, बाबा खान, सीमा लूहा, अलका रुंगटा, मोनिका रेमंडल और वैशाली मदारे ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन, संयोजक युवराज चौधरी ने किया। तथा, उपस्थित सभी दर्शकों और अभिभावकों का आभार व्यक्त किया।