उभरते सितारे में 'खेल खेल में सीखें'
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नागपुर। मोबाइल से आपको जानकारी मिल सकती है। लेकिन, मोबाइल कभी दोस्त नहीं बन सकता। आपकी बेस्ट फ्रेंड आपकी मम्मी होती है। और कोई फ्रेंड बन सकता है, तो वह है, किताबें। किताबें आपके अच्छे और सच्चे मित्र होते हैं। मोबाइल में उलझने से ज्यादा, कोई भी किताब पढ़ोगे तो आपका हौसला बढ़ेगा, नॉलेज बढ़ेगा और आगे बढ़ाने की इच्छा जागृत होगी। अगर थोड़ा भी आपके पास समय हो तो, मोबाइल को छोड़कर, घर से बाहर निकल कर कुछ ना कुछ खेल अवश्य खेलें। इससे आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा, और बहुत कुछ सीख पाओगे। क्योंकि, बच्चे खेल-खेल में ही सीखते हैं। यह विचार श्रीमती अश्विनी खैरे जी ने बच्चों के बीच रखें। और, उन्हें प्रोत्साहित किया।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'खेल-खेल में सीखें' थीम पर ज्ञानवर्धक, संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन अर्पण हॉल में किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में बाल जगत की शिक्षिका और सुपरिचित सॉफ्टवेयर डिजाइनर अश्विनी खैरे जी अतिथि के रूप में उपस्थित थी। इनका सम्मान, सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया।
इस अवसर पर श्रीमती उज्जवला पिंपळे और श्रीमती जया खैरे जी प्रमुखता से उपस्थित थी। सर्वप्रथम कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए संयोजक युवराज चौधरी ने 'खेल-खेल में सीखें' विषय पर बच्चों और उनके अभिभावकों को समझाया कि बच्चों ने गैजेट्स से ध्यान हटाकर और समय निकालकर कुछ जमीनी खेल अवश्य खेलना चाहिए। जिससे स्फूर्ति, उत्साह, एकाग्रता, कार्य का नियोजन, समय की प्रतिबद्धता और मनोरंजन के साथ-साथ मित्रता, बंधुता एवं उत्तम स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर बच्चे आगे बढ़ना सिखते हैं। सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने भी अपने बचपन की यादें ताजा करते हुए कई खेलों का जिक्र किया और बच्चों को उसके लाभ समझाए।
तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस थीम पर अपने विचार रखते हुए अपनी सुंदर कला का प्रदर्शन कर सबको मंत्रमुग्ध किया। जिसमें, जिनीषा भोजवानी और देबांशी पटनायक ने खेल खेल में सुंदर कविता सुनाई। अपने सुमधुर गीतों को भव्या अरोरा, अर्चिता लखोटे, पुलस्त्य तरारे, जिनीषा भोजवानी तथा अंश मखीजा ने कीबोर्ड वादन करते हुए सुंदर गीत की प्रस्तुति दी। तृप्ति तलवेकर, नव्या तांडेकर, तनीष्का देवहरे और पूर्वी मंगेश वैद्य के सुंदर नृत्य ने सबका का मन जीत लिया।
प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को सीमा लूहा, मीनाक्षी केसरवानी, रूपाली तलवेकर, रंजना माकोने, डीपी भावे, सुहास तिरपुडे, देवस्मिता मानस पटनायक, नम्रता भोजवानी, पूजा मखीजा, मोनिका रेमंडल, बाबा खान, अश्विनी अजय लखोटे, आशा वेदप्रकाश अरोरा, योगिता तरारे आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन, सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा, उपस्थित सभी दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार, संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।