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कलम कि जुबानी शिवानी सुरकार उर्फ़ हीरोइन की कहानी


शिवानी सुरकार वो शख्सियत हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी में इतने अधिक उतार-चढ़ाव देखे कि उनकी जगह कोई आम इंसान होता तो वो तो टूट कर ही बिखर जाता या खुद को ही हर परिस्थिति का दोषी मानकर अपनी जीवन लीला ही शायद स्वयं अपने हाथों से ही लील जाता. बिल्कुल सही कह रही हूं मैं. अगर मैं ही इस जगह होती तो अब तक न जाने कौन सा ऐसा कदम उठा लेती कि शायद में आप लोगों के बीच ही नहीं होती.
शिवानी सुरकार उर्फ हीरोइन, जिसे लोग उनके जन्म के नाम से तो नहीं परंतु उनको समाज के द्वारा दिए गये नाम हीरोइन जो की उनकी खूबसूरती के अनुसार बिल्कुल सही है. मैं जब पहली बार एक अवार्ड समारोह के अंतर्गत शिवानी को देखी थी तो मुझे अपनी आंखों पर यकीन ना हो रहा था और दिल भी मानने को तैयार ना था कि इतनी खूबसूरत लंबे बाल, लंबाई, गठिला बदन, गौर वर्ण, चेहरे पर छाया वो तेज, माथे पर गोल सी बिंदिया ओर ना जाने कितना विश्लेषण करूं उनकी खूबसूरती का मेरे पास तो जैसे शब्द ही कम पड़ गये हैं शायद इसी कारण शिवानी को आज बहुत से लोग शिवानी नाम कहकर हीरोइन नाम से बुलाते हैं। 

शिवानी वो हैं जो हम आम इंसानों कि श्रेणी मैं नहीं बल्कि एक विशेष श्रेणी में आती है. मानव समुदाय में भी तीन समुदाय होते हैं एक समुदाय होता है नर का, एक समुदाय होता है नारी का और एक समुदाय होता है अर्धनारीश्वर का जिसे हम बोलचाल की भाषा में तीसरा समुदाय जिसके अंतर्गत आने वाले लोगों को किन्नर कहा जाता है. जी हॉं! शिवानी सरकार एक किन्नर हैं जिसकी जिंदगी की शुरुआत में ही उसे उसके मां-बाप के दिल में उन्हें पहले तो त्यागने का विचार आया अर्थात उन्हें किन्नर समुदाय को सौपने का सोचा गया, परंतु मां के शिवानी के प्रति अति स्नेह को देखते हुए इस फैसले को बदल लिया गया और शिवानी अपने ही मां-बाप और बड़े भाई के साथ रहकर परिवार में ही पली-बड़ी. परिवार के अंतर्गत ही आम इंसानों की तरह ही शिवानी के साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया गया उसे हर एक वह सुविधा दी गई जो उसके बड़े भाई को मिलती थी। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी उसे आगे बढ़ने के लिए सदैव प्रोत्साहित करते रहे। कोशिश की जाती थी कि शिवानी को कभी यह महसूस ना हो सके की वह किसी विशेष समुदाय के अंतर्गत आती है. परंतु जैसे-जैसे शिवानी थोड़ी बड़ी होती गई वो अपने ही घर में, उनके ही बड़े भाई की विकृत मानसिकता के कारण वह अपने भाई के द्वारा उन्हें मारा पीटा जाता रहा हमेशा और मानसिक प्रताड़ित भी किया गया. जिसके चलते शिवानी ने अपने घर को त्याग दिया और वह अपने घर से दूर निकल गई शिवानी ने हिम्मत नहीं हारी और ना ही अपनी जान देने कि बुज़दली जैसा कोई कदम उठाया. बल्कि उन्होंने अपने जीवनयापन के लिए ट्रेन के अंदर भी लोगों से पैसे मांगे प्लेटफार्म पर लोगों से पैसे मांगे.

शिक्षा के प्रति अधिक लगाव होने के कारण शिवानी ने अपनी शिक्षा को निरंतर जारी रखा. काफी मशक्कत के बाद वो एक दिन अपने घर अपनी जन्म स्थली लौट आई जहॉं से उनको उनकी आगे की शिक्षा के लिये वर्ष 2006 में नागपुर स्थित किसी छात्रावास में पढ़ाई के लिये रखा गया परंतु वहॉं के कुछ छात्रों ने मिलकर शिवानी का पहली बार शारीरिक शोषण किया जिसके चलते शिवानी ने पहली बार खुद की जीवनलीला को समाप्त करने के लिये गलत कदम उठाया परंतु डॉक्टरों कि तत्परता के चलते उनकी जान बच गई. शिवानी फिर से नये सिरे से जिंदगी शुरू कर आगे बढ़ी भूतकाल को भूलकर परंतु शिवानी ने वर्ष 2019 में फिर किसी परेशानी के चलते फिर अपने जीवन को हिम्मत हार खत्म करने जैसा कदम उठाया परंतु ईश्वर को कुछ ओर ही मंजूर था उन्होंने फिर शिवानी के प्राण हर दिये और उन्हें चेतन्य कर कुछ कर दिखाने का हौसला दिया और आज वही शिवानी आगे की शिक्षा प्राप्त कर आज के समय की शिवानी सुरकार एक जानी-मानी वकील है जो कि हमारे भारत देश की तीसरी समुदाय की तीसरे नंबर पर बनने वाली वकील है और महाराष्ट्र के विदर्भ प्रांत की वह तीसरे समुदाय से उभर के आने वाली सर्वप्रथम वकील है. 

उनके वकील होने के बावजूद भी उनके साथ बहुत से लोगों ने उनके जज्बातों के साथ खेल कर उन्हें पहले तो अपनी बातों में उलझा कर मोहब्बत के जाल में इस कदर फसाया की वह उनके ऊपर दिलों जान से कुर्बान हो गई. प्यार एक ऐसी चीज होती है जो सिर्फ हम आम इंसानों के अंतर्गत नहीं होती है शारीरिक रूप से चाहे तीसरा समुदाय शिथिल है लेकिन इनके अंदर भी जज्बात वही भाव वही दिल वही हमारे जैसे सोचने समझने की शक्ति होती है जिसके चलते यह भी भावनात्मक रूप से बहुत ही जल्दी किसी की बातों में आ जाते हैं और उलझा के रह जाते हैं. यही सब भी शिवानी सरकार जी के साथ हुआ जिनकी जिंदगी में कुछ ऐसे शख्स लोगों ने कदम रखा जिन्होंने पहले तो उनके भावों जज्बातों के साथ खेल उन्हें अपने विश्वास में लेकर उनके साथ मोहब्बत का प्रसंग रचा हर प्रकार से साथ देने के अनेक वादे कर डालें और जब उनकी इस मोहब्बत का पारा परवान चढ़ने लगा और यही बात जब समाज के सामने आने लगी तब समाज के सामने जो व्यक्ति उनके साथ में बेइंतेहा मोहब्बत करने और साथ देने के वादे कर रहे थे उन्होंने समाज में अपनी बदनामी के चलते शिवानी सुरकार के ही जज्बातों से खेल कर उन्हें ही गलत ठहराने का निरंतर प्रयास किया जिसके चलते शिवानी सुरकार उर्फ़ हीरोइन भीतर से पूरी तरह टूट कर बिखर गई. उन्हें वापस उभर कर आने में काफी वक्त लग गया परंतु वह हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने खुद को संभालते हुए फिर इस मंजिल की ओर कदम बढ़ाया जिस मंजिल की ओर उनका लक्ष्य उन्हें बुला रहा था, सफलता बाहें फैलाए खड़ी थी उन्हें अपने आगोश में लेने के लिए और वह लग गई फिर से अपनी वकालत की प्रेक्टिस करने में. बहते हुए उनके आंसूओं को पोंछने वाला कोई नहीं था और शायद कभी उनकी शारिरिक कमी के चलते कोई पोछेगा भी नहीं उनके आंसूं ये बात शायद वो जान चुकी थी. आंसूं देने वाले, उनके जज़्बातों से खेलने वाले, सिर्फ और सिर्फ उनके शारीरिक बनावट खूबसूरती के चलते सिर्फ उनके जिस्म का इस्तेमाल करने ही वाले उन्हें इस जहरीले समाज में मिलेंगे ये उन्होंने गांठ बांध ली थी और उनको समझ आ गया था शायद कि उनके समुदाय के लिये प्यार नामक शब्द बना ही नहीं है. इसलिए उन्होंने खुद के ही हाथों खुद के ही भीतर पल रहे अपने हर एक उस भावनात्मक पहलुओं, जज़्बातों का क़त्ल कर लिया और बढ़ चली मंजिल की ओर फिर से वही काला कोट और गले से सफेद पट्टी सा बो बांधकर जो उन्हें आम इंसानों के बीच विशेष पहचान दिलवाता वकील शिवानी उर्फ हम सब कि चहेती हीरोइन.  

आज शिवानी उर्फ हीरोइन से मेरी कलम के जरिए आप लोग मिले हैं यह सिर्फ एक शिवानी की कहानी नहीं है यह हर एक किन्नर समुदाय की कहानी है जिसके अंतर्गत बहुत सी ऐसी किन्नर हैं जिनके जज्बातों के साथ खेल कर बहुत से लोग उन्हें अपनी जरूरत के लिए इस्तेमाल करते हैं और जब उनकी जरूरत पूरी हो जाती है तो उन्हें टूटने के लिए छोड़ दिया जाता है. जो पहले से ही शारीरिक शिथिलता के चलते अंदर से पूरी तरह ना सही पर थोड़े बहुत बिखरे हुए होते हैं उन्हें और बिखर के रख दिया जाता है. क्या यह शोभा देता है? हम आम इंसानों को की एक विशिष्ट समुदाय के अंतर्गत आने वाले कीन्नर की खूबसूरती का इस तरह इस्तेमाल करें और उनके भावों के साथ इस कदर खेले? हमें हक नहीं बनता है. कहते हैं कि किन्नर समाज वह समाज है जिसे श्री राम जी ने आशीर्वाद दे रखा है जो अर्धनारीश्वर कहलाते हैं, जिनकी दुआओं के लिए लोग तरसते हैं और यदि उनके भावनात्मक पहलुओं से खेल उनके शरीर से खेल इनको भीतर तक तोड़ के रख देने के बाद क्या आप यह आशा कर सकते हैं कि उनके मुख से निकलने वाली बद्दुआ व्यर्थ जाएगी? चाहे एक आम इंसान हो, चाहे एक किन्नर समुदाय का इंसान हो भाव जज़्बात हर किसी के भीतर होते हैं और हम इंसानों को हक नहीं बनता कि किसी के भावों के साथ खेल कर हम उनकी बददुआओं का शिकार हो और अपनी जिंदगी को तहस-नहस करें. आशा करती हूं कि मेरी तरह आप भी शिवानी सुरकार उर्फ़ हीरोइन की दास्तां सुनकर किन्नर समुदाय के लिए विशेष सम्मान रखेंगे और उनकी खूबसूरती के लिए नहीं बल्कि उनके विशेष होने के लिए उनकी तारीफ कर उन्हें वही सम्मान देंगे जिस सम्मान के वह लायक है. शिवानी के आज महाराष्ट्र में लाखों शुभचिंतक व उनकी खूबसूरती के कायल भी है. साथ ही उनकी बेहतरीन वाक् चातुर्य के लिए उन्हें कोर्ट कि Best Argument Queen भी कहा जाता है। साथ ही आशा करती हूं कि शिवानी ने भविष्य के लिये जो बेशकीमती सपने बुने हैं कुछ बनने और कुछ कर दिखाने के लिये वो हर एक सपना उनका जरूर पूरा हो. 

- वीना आडवाणी ‘तन्वी’

नागपुर, महाराष्ट्र 

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