वसंत पंचमी के दिन रचना दर्शन के तत्वावधान मे वीरों का बसंत कार्यक्रम संपन्न हुआ
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शिक्षा, साहित्य, समाज और कला को समर्पित संस्था रचना दर्शन मंच की संस्थापक और अध्यक्षा रजनी प्रभा जी द्वारा रचना दर्शन मंच पर आभासी अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन "वीरों का वसंत” कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसका मुख्य उद्देश्य रहा कि पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव में जो लोग भारतीय सभ्यता और संस्कृति से दूर हो रहें है , उन्हें अपनी संस्कृति के महत्व का ज्ञान कराते हुए उसकी ओर वापिस लौटाना और भारतीय संस्कारों का उनमें बीजारोपण करना। तथा देश की रक्षा हेतु प्राणों की आहूति देनेवालें बलिदानियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करना भी कार्यक्रम का उद्देश्य रहा। इस कार्यक्रम का संचालन भी कवियित्री रजनी प्रभा जी के द्वारा बहुत ही सुंदर रीति से किया गया।उन्होंने कवि सम्मेलन की शुरुआत अपनी पंक्तियों “चढ़ गए सैकड़ों सूली पर लाखों ने जान गवाई है, किया तन मन को है होम सभी हमने ये आजादी पाई है।” से किया।
इस कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ शहाबुद्दीन मुहम्मद नियाज़ शेख जुड़े हुए थे जिन्होंने बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपना अमूल्य वक्तव्य प्रस्तुत किया गया। भारतीय संस्कृति की महत्ता बताते हुए इस तरह के पर्व मनाने का संदेश दिया। विशिष्ट अतिथि के रूप में दुबई से जुड़ी कौसर भुट्टो ने खुद की रचना और अपने दादा जी की सुन्दर रचना से कार्यक्रम को चार चांद लगा दिया। सरस्वती वंदना मधुर आवाज में प्रमिला कौशिक द्वारा प्रस्तुत किया गया। स्वागत भाषण के द्वारा राजेंद्र आर्य ने सभी अतिथियों का कार्यक्रम में स्वागत किया और अपना गीत सैनिक के सपने भी प्रस्तुत किया । स्वागत गीत अंकिता किरण ने अपने मधुर स्वर में प्रस्तुत किया । विशिष्ट अतिथि डॉ मुक्ता कान्हा ने अपना सुंदर वक्तव्य वीरों की बसंत कार्यक्रम मे दिया और पुलवामा मे शहीद हुए 44 वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की । लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन जी ने पुलवामा घटना का वृत्तांत सुनाया।वे राष्ट्र सेवा के साथ गांव में बसे किसान मजदूरों के लिए सामाजिक कार्य भी बहुत ही अच्छी तरह करते हैं । इस कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ गुलाब चंद पटेल जी ने पुलवामा घटना मे बलिदान सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की इस दिन मातृ-पितृ का पूजन भी किया जाता है। वसंत पंचमी के दिन बहुत सारी शादियाँ भी होती है ।
लोगों मे राष्ट्र भावना बढ़े अपने देश के वीर जवानों के प्रति अपना आदर प्रेम लोगों मे पैदा हो इस लिए ये वीरों का बसंत कार्यक्रम बहुत ही सुंदर रहा।देश के करीबन 25 से अधिक कवि और कवयित्रियों जिनमें डाॅ. रोहिनी डावरे जी अकोले महाराष्ट्र,डाॅ. निशा मुरलीधरन जी, चेन्नई ,डाॅ. वनिता पाटनकर जी, मुम्बई ,अपराजिता शर्मा , रायपुर छत्तीसगढ़, श्रीमती श्वेता मिश्र पुणे,उपमा आर्य सहर,रूबी भूषण जी,पटना,नवेद रजा दुर्गवी दुर्ग जी छत्तीसगढ़,कविता नामदेव नजीबाबाद बिजनौर उत्तर प्रदेश,चंद्रकला भरतिया नागपुर महाराष्ट्र,बृजेश आनंद राय,जौनपुर,कुलदीप सिंह ’रुहेला’, म. प.,मुस्कान केशरी ,भागीरथ सिन्हा,दिल्ली, संध्या सिंह,पुणे, सोमेश ठाकुर ,डॉ. संजीवनी पाटील, गडहिंग्लज महाराष्ट्र,शरीफ खान , कोटा, राजस्थान, अशोक कुमार साहू जिला राजनांदगांव छत्तीसगढ़,डा. रामनिवास तिवारी आशुकवि निवाड़ी म.प्र.,डॉ.सतीश कुमार यादव,दिल्ली,रजनीकांत गिरि,पटना रौशन जी,इंदौर उपस्थित रहे जिन्होंने अपना सुन्दर काव्य पाठ प्रस्तुत किया। और देश की सुरक्षा के लिए रात दिन सरहद पर कार्य करते सैनिकों को काव्य के माध्यम से अपना प्रेम जताया। अंत में वीरों का बसंत कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन रूबी भूषण ने किया था।