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कैंसर और मौत की झूठी खबर…


पूनम की चाँद हमेशा-हमेशा के लिए धूमिल हुई, यह सुन दर्दे-दिल होना स्वाभाविक ही है। इसलिए नहीं कि मॉडेल पूनम ने हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कहा बल्कि इसलिए कि जब भी कोई स्वर्गवासी होती हैं तो मानव होने के नाते दुख होना स्वाभाविक ही है ।
एक किवदंती है कि अगर दिवंगत होने की ख़बर झूठ हो तो उम्र बढ़ जाती है। इस आशा में कई लोग अपने स्वर्ग सिधारने की झूठी खबर फैला देते हैं ताकि उनकी उम्र लंबी हो जाए। वैसे उम्र का क्या है,  उपरवाले ने जब इस लोक में भेजा तो पहले से ही तय कर लिया कि कौन सा बंदा कितने दिन इस रंगमंच पर रहेगा। जो भी आयोजन, प्रयोजन, जनन, मरन, करन ईत्यादि हैं वह सब इन दो बिंदुओं के बीच ही है। फिर चाहे कितने भी झूठे अफवाह फैलाएं, जो चित्रगुप्त ने अपनी डायरी में नत्थी कर लिया, वह एन-केन- प्रकारेन हो कर ही रहेगा,  कुछ भी टस से मस नहीं होने वाला।

एक चिकित्सक के नाते दिल इसलिए भी पसीज़ा क्योंकि देहावसान का मामला गर्भाशय के कर्करोग संबंधीत था। और इसलिए भी कि मोहतरमा की उम्र केवल 32 ही थी। इतना सब कुछ तो ठीक था किंतु मामले ने तब तूल पकड़ा जब मॉडेल पूनम अचानक प्रकट हो गईं और स्वयं ही घोषित किया कि वह ज़िंदा हैं और यह सब ड्रामा उसने लोगों का ध्यान कैन्सर जैसे भयानक बिमारी की ओर  आकर्षित करने के लिए किया।

प्रत्येक बरस भारत में 14 लाख महिलाओं को कैंसर होने का पता चलता है। समय रहते इसका पता चले तो गंभीर दुस्परिणामों से बच सकते हैं। खैर, मॉडेल पूनम पांडे कैंसर के बिमारी की ओर ध्यान आकर्षित करने में काफी हद तक सफल रहीं। 
महिलाओं में गर्भाशय एवम् स्तन कैंसर की भरमारी है। बढ़ती उम्र के साथ कैंसर का खतरा बढ़ता है इसलिए समय समय पर चेक अप करना चाहिए। जीन में परिवर्तन (जेनेटिक म्यूटेशन) कैंसर का एक प्रमुख कारण है। जिन्हें BRCA1, BRCA 2 genes में म्यूटेशन हो उनमें स्तन और अंडाशय यानि ovary के कैंसर का प्रमाण ज्यादा होता है।

कैंसर आनुवंशिक हो सकते हैं। अगर परिवार में अन्य महिला सदस्यों जैसे मां, बहन, बेटी, या पिता अथवा माता के परिवार में किसीको कैंसर हो तो कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है। अधिक उम्र में गर्भ धारण, बच्चे को स्तन पान न कराना, हारमोन संबंधी दवाएं,मुटापा, तमाकू, धुम्रपान, शराब अन्य कारण हैं। जो महिलाएं कसरत करती हैं, बच्चों को दुध पिलाती हैं, मुटापे से दूर रहती हैं,  ज्यादातर शाकाहारी और ताजा भोजन लेती हैं, उनमें कैंसर होने की संभावना कम होती है।

मैमोग्राफी, PAP smear test, CA 125, BRCA genetic testing, HPV tests से काफी हद तक महिलाओं में कैंसर का पता चल सकता है। समय रहते कैंसर पकड़ में आए तो पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। कैंसर का मतलब यह नहीं कि राम-नाम-सत्य हो गया।
खैर यह तो हो गई कैंसर का बातें। लेकिन क्या मौत की अफवाह फैलाकर अपने आप को समाचार पत्रों के सुर्खियों में बनाए रखना उचित है? हो न हो, लेकिन पूनम पांडे का यह कदम भले ही सराहनीय न हो, इस समाचार से कुछ महिलाएं अपने आप को कैंसर के खतरों से बचाने की कोशिश करेंगी,  इसमें शक नहीं।

- डॉ. शिवनारायण जितेंद्र चंद्र आचार्य

किडनी रोग विशेषज्ञ, नागपुर (महाराष्ट्र)
लेख 7368374702463536233
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