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उभरते सितारे में 'ज्ञान विज्ञान और मोबाइल'


नागपुर। आज इन नन्हें मुन्नें बच्चों की प्रस्तुति को देखकर लगता है कि, आज के यह उभरते सितारे, कल के श्रेष्ठ कलाकार बनने की दिशा में आगे बढ़ते जा रहे हैं। इन बच्चों की इतनी सुंदर प्रस्तुतियों से मन अत्यंत प्रसन्न हो गया है। यह विचार श्री. टी. बालकृष्णन जी ने बच्चों के बीच रखें और एक सुंदर गीत भी सुनाया।

सर्वप्रथम, कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए संयोजक युवराज चौधरी ने आज के दैनिक जीवन शैली में तकनीकी दृष्टि से मोबाइल की उपयोगिता और इसके महत्व को बच्चों और उनके अभिभावकों को बताया। और यह भी कहा की मोबाइल बच्चों के लिए आज जहां मनोरंजन, संपर्क, ज्ञान और विज्ञान को जानने का सुलभ साधन है। वहीं, इसकी अत्यधिक उपयोग एवं इसके तरंगों के दुष्प्रभाव से बचने की भी सलाह दी।

विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं के लिए लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत  ज्ञानवर्धक संगीतमय कार्यक्रम 'ज्ञान विज्ञान और मोबाइल' थीम पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें दूरदर्शन, आज तक, इंडिया टुडे आदि चैनल पर कार्यरत उप मुख्य पुरालेख समाचार के श्री. टी. बालकृष्णन जी उपस्थित थे । इनका सम्मान, संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागतवस्त्र और मोमेंटो देकर किया।

तत्पश्चात, संपूर्णा रेमंडल ने थीम पर आयोजित स्वलिखित कविता पाठ किया, जिसे सभी ने सराहा।  पुलत्स्य तरारे, भव्या अरोरा, राम बागल, ईधा मजूमदार, स्वरा भुतड़ा, आनंद डोंगरे, पूर्णिमा दत्ता, सुरभी भुतडा ने शानदार गीतों की प्रस्तुति दी। देवांशी पटनायक, निधी रेहपाडे और पूर्वी वैद्य ने मनमोहक नृत्य से उपस्थित सभी लोगों का दिल जीत लिया।

प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को रमेश अय्यर, मंगेश वैद्य, बाबा खान, शैला वर्मा, प्रीति बागल, मधुरा मजूमदार, मीनाक्षी केसरवानी, योगीता तरारे, मोनिका रेमंडल, आशा वेदप्रकाश अरोरा, सुहास तिरपुडे, वासंती मिश्रा, देवस्मिता मानस पटनायक आदि ने खूब सराहा। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा कार्यक्रम में सहयोग प्रशांत शंभरकर और कृष्णा कपूर ने किया। उपस्थित दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।
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