उभरते सितारे में 'श्रम का महत्व'
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नागपुर। कोई भी कार्य, किसी भी ध्येय या उद्देश्य के लिए श्रम महत्वपूर्ण है। श्रम अनेक प्रकार के होते हैं। जैसे, किसानों और मजदूरों के लिए शारीरिक श्रम। शिक्षक, अधिकारी वर्ग के लिए मानसिक श्रम। एवं, बच्चों के लिए बौद्धिक श्रम। जीवन में आगे बढ़ना है तो, मेहनत करना जरूरी है। आज इन प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुति देख कर मन अत्यंत प्रसन्न हो गया है। हर बच्चों में कोई ना कोई कला होती है, पालकों ने बच्चों की इन्हीं कला गुणों को समझ कर उन्हें, आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए। यह विचार श्रीमती राजश्री मेहर ने बच्चों के बीच रखें।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं के लिए लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत ज्ञानवर्धक संगीतमय कार्यक्रम 'श्रम का महत्व ' विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें भारतीय विद्या भवन से सेवानिवृत शिक्षिका श्रीमती राजश्री भूपेश मैहर जी उपस्थित थीं। इनका सम्मान, सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने स्वागतवस्त्र और मोमेंटो देकर किया।
सर्वप्रथम, कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए संयोजक युवराज चौधरी ने श्रम के महत्व को उदाहरण देते हुए बच्चों और उनके अभिभावकों को समझाया । और, कहा की समय की प्रतिबद्धता, वर्तमान में जीना और लगातार प्रयास करना जरूरी है। इस अवसर पर डॉ विनोद नायक प्रमुखता के साथ उपस्थित थे। अपने संक्षिप्त संबोधन में उन्होंने सोहनलाल द्विवेदी जी की कविता 'असफलता एक चुनौती है.. कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती' से बच्चों के बीच सकारात्मक का संचार किया।
तत्पश्चात, संपूर्णा रेमंडल ने श्रम पर स्वलिखित कविता के साथ ही, राम बागल, ईधा मजूमदार, प्रथमेश नंदनवार, शिप्रा विंचुरकर, हेमलता वैद्य, मालती ठोंबरे, सुनील नौकरकर और श्रद्धा चिंचालकर ने शानदार गीतों की प्रस्तुति दी। आयुष बुरडे, भव्य तुरकर, अशिता मुंडे, अनविका वैद्य, श्लोक वानखेडे, आदित्य माकोने, संस्कृति डाहाके, देवयानी धोत्रे और सुशांत जायसवाल ने मनमोहक नृत्य से उपस्थित सभी लोगों का दिल जीत लिया।
प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को भूपेश मेहर, बाबा खान, रानी खान, रंजना माकोने, प्रीति बागल, मधुरा मजूमदार, मोनिका रेमंडल, वेदप्रकाश अरोरा, सुहास तिरपुडे, कैलाश गवई, कविता धनराज बुरडे, कविता धोत्रे, प्रणिता मुंडे, स्नेहल डाहाके आदि ने खूब सराहा। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा कार्यक्रम में सहयोग प्रशांत शंभरकर और कृष्णा कपूर ने किया। उपस्थित दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार राज चौधरी ने व्यक्त किया।