Loading...

महफिले मुशायरा और बज़मे अफ़साना


नागपुर। राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर उर्दू विभाग में मंगलवार दिनांक 6 फरवरी दोपहर 12:00 बजे महफिल ए मुशायरा और बज़मे ए अफसाना का आयोजन किया गया। आयोजन के प्रथम सत्र में कार्यक्रम का उदघाटन रखा गया, जिसमें राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो संजय दुधे उद्घाटक एवं अध्यक्ष के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने उर्दू भाषा के प्रति अपना प्रेम प्रकट करते हुए बताया कि उर्दू हमारी अपनी भाषा है, भारतीय भाषा है, जो इसी देश में जन्मी और पली बढ़ी । यह लोगों को समझना चाहिए की भाषा का कोई धर्म नहीं होता किन्तु भाषा को पढ़ना हमारा धर्म है। सभी भारतीय लोगों को उर्दू भाषा और साहित्य को पढ़ना चाहिए ताकि इसकी मधुरता और कोमलता को अपना सके। 

कार्यक्रम में प्रमुख उपस्थिति के रूप में मानविकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ श्यामराव कोरेटी उपस्थित थे। उन्होंने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए बताया कि स्वतंत्रता संघर्ष के समय लोगों को एकत्रित करने के लिए इस भाषा का बहुत बड़ा योगदान रहा। ‘इंकलाब जिंदाबाद’ ‘सरफरोसी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु ए कातिल में है’ के नारे ने स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित किया। इसके पहले उर्दू विभाग प्रमुख और समन्वयक डॉ संतोष गिरहे ने प्रस्ताविक एवं अथितियों का स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण में उन्होंने विद्यार्थियों को अफसाना लेखन (कहानी लेखन) के आरंभिक दौर पर मार्गदर्शन किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार हमारे नानी दादी हमें कहानियां सुनाया करती थी जिससे प्रेरित होकर कहानियों की ओर हमारा लगाव बढ़ता गया। साथ ही ऐसे कार्यक्रमों  से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास को बढ़ावा मिलने की बात कही। 

कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि डॉ शरफुद्दीन साहिल,(साहित्यकार नागपुर) ने (नागपुर में अफसाने की रिवायत) पर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम के विशेष अतिथि माननीय ज़फ़र कलीम साहब ने भी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए उर्दू शायरी के अनेक शेरों के माध्यम से दर्शकों को खुश किया किया। उदघाटन सत्र का संचालन डॉ समीर कबीर तथा आभार गुल्फेशां अंजुम ने व्यक्त किया। 

दूसरे सत्र महफिले अफसाना में अतिथि वक्ता व अफसाना निगार डॉ शरफुद्दीन साहिल, डॉ अजहर अबरार, डॉ अजहर हयात, श्री बाबर शरीफ, डॉ समीर कबीर ने अपना अफ़साना प्रस्तुत किया। इस सत्र का संचालन डॉ असरार अहमद (असिस्टेंट प्रोफेसर, सेठ केसरीमल पोरवाल कॉलेज) ने तथा विभाग की सहायक प्राध्यापक सना बानो ने आभार व्यक्त किया। 

तीसरा सत्र महफिले मुशायरा में कवि एवं शायर डॉ शरफुद्दीन साहिल, श्री रियाजुद्दीन कामिल, श्री रेहान नासिर, श्री अज़हर हुसैन, श्री शमशाद शाद, श्री समीर कबीर, श्री बाबर शरीफ, श्री ख्वाजा साजिद, श्री नईम अंसारी, श्री शादाब अंजुम, श्री सतीशचंद्र रागेट, श्रीमती मिली पांडे, श्रीमती स्वाति सानी ने अपने कलाम प्रस्तुत किये । महफिले मुशायरा का संचालन मोहम्मद सोहेल अंसारी तथा आभार डॉ शाइस्ता तबस्सुम ने व्यक्त किए। इस कार्यक्रम में उर्दू विभाग के सभी प्राध्यापक डॉ समीर कबीर, डॉ शाइस्ता तबस्सुम, डॉ अस्मत कौसर, डॉ सबीहा खुर्शीद, डॉ सुमैया अफशां, डॉ तरन्नुम नियाज,गुल्फेशां अंजुम, डॉ मेहर यासमीन,सना बानो, श्रीमती नेहा लासने एवं सभी विद्यार्थी उपस्थित थे।
समाचार 7757256250674083847
मुख्यपृष्ठ item

ADS

Popular Posts

Random Posts

3/random/post-list

Flickr Photo

3/Sports/post-list