अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस पर इंद्रधनुषी काव्यगोष्ठी
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नागपुर। अर्चना साहित्यिक- सांस्कृतिक संस्था के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में परिचर्चा एवं काव्यगोष्ठी का पूर्व महापौर डॉ. कल्पना पांडे की अध्यक्षता में रा.तु.म. नागपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे के प्रमुख आतिथ्य एवं सुप्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य व साहित्यकार डॉ. गोविंदप्रसाद उपाध्याय व वीएमवी कॉलेज के नाट्य विभाग की प्राध्यापिका श्रीमती प्रियंका ठाकुर की प्रमुख उपस्थिति में सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मंचासीन अतिथियों द्वारा माँ शारदा को माल्यार्पण, पूजा- अर्चना दीप प्रज्ज्वलन एवं श्रीमती शशि भार्गव प्रज्ञा की सरस्वती वंदना से हुआ।
संस्था की ओर से मंचासीन अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। संस्थाध्यक्ष डॉ. शशिकांत शर्मा ने अपने प्रास्ताविक में संस्था के उद्देश्य,गतिविधियों एवं भावी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम का बीजारोपण किया।
परिचर्चा में आयकर विभाग के सहायक निदेशक श्री अनिल त्रिपाठी, डॉ. मनोज पांडे, श्रीमती प्रियंका ठाकुर डॉ. शशिकांत शर्मा, डॉ. गोविंदप्रसाद उपाध्याय व डॉ. कल्पना पांडे ने विचार व्यक्त करते हुए भारतीय ध्येयमंत्र 'सत्यमेव जयते' का अनुपालन करते हुए पारंपरिक ज्ञान एवं कृत्रिम बौद्धिकता को हृदय से आत्मसात कर हिंदी को दैनिक व्यवहार में उपयोग में लाने का आह्वाहन किया।
तत्पश्चात सरस इंद्रधनुषीय काव्य गोष्ठी का डॉ. शशिकांत शर्मा के संचालन में आयोजन हुआ जिसमें शहर के जाने-माने कवि सर्वश्री डॉ. भोला सरवर, अतुल त्रिवेदी, कृष्ण कुमार भार्गव, डॉ. मधुकर वाघमारे, चंचलसिंह हंसपाल, टीकाराम साहू आजाद, प्रकाश काशिव, प्रकाश आचार्य, मोहन जी, अनिल त्रिपाठी, डॉ.मनोज पांडे, डॉ. शशिकांत शर्मा, डॉ. गोविंदप्रसाद उपाध्याय कवित्रियों में सर्वश्रीमती मधु गुप्ता, सुधा काशिव, सुधा राठौर, नीलम शुक्ला, अमरजीत कौर हंसपाल, भारती पांडे, प्रियंका ठाकुर, डॉ. मधुलता व्यास एवं श्रीमती शशि भार्गव प्रज्ञा ने बहुरंगी रचनाएँ सुनाकर वातावरण को आनंदित कर दिया। डॉ. कल्पना पांडे ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। कार्याध्यक्ष अतुल त्रिवेदी ने सभी उपस्थितियों के प्रति आभार व्यक्त किया।