डॉ. सुजाता दास की पुस्तक ‘करारी सतरंगी जलेबी’ का हुआ लोकार्पण
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नागपुर/भिलाई। आईसीएआई चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्कृतिक भवन, भिलाई यहां डॉ. सुजाता दास ‘मीठी’ की बच्चों पर केंद्रित कृति ‘करारी सतरंगी जलेबी’ का विमोचन हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता रायपुर के इतिहास विज्ञ रविंद्रनाथ मिश्र ने करते हुए इतिहास की विद्यार्थी डॉक्टर सुजाता दास को बच्चों पर सुंदर कृति के लिए शुभकामनाएं दी और भविष्य में नई कृति शीघ्र आएगी ऐसी कामना भी की।
सर्वप्रथम कार्यक्रम के अतिथियों को स्मृति चिन्ह, शॉल के साथ स्वागत कर डॉ. सुजाता दास ने प्रस्तावना में कृति के बारे में अपना मत व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में नागपुर के संपादक, वरिष्ठ साहित्यकार नरेंद्र सिंह परिहार ने कहा कि, बच्चों पर लिखी गई 30 कविताओं को 30 ही चित्रों के द्वारा बहुत ही सुंदर ढंग से डायमंड बुक डिपो ने प्रकाशित किया है। कवयित्री को बच्चों पर कविता लिखते वक्त स्वयं को एक बच्चे के रूप में प्रस्तुत करना होता है जो उन्होंने बाखूबी निभाया। इसके साथ ही कृति के दो कविताओं को सस्वर संगीत में प्रस्तुत कर कृति की छंद वध हैं और सशक्त होने का प्रमाण भी दिया।
इस अवसर पर रायपुर के वशिष्ठ अतिथि गिरीश पंकज ने कहा कृति हाथ में लेते ही आकर्षित करती है। उन्होंने लोरी, पतंग, तितली आदि स्थापित बाल कविताओं के साथ आज के माहौल पर आधारित बच्चों के सुंदर गीत की प्रशंसा की। इस अवसर पर दुर्ग के पुलिस अधीक्षक रामगोपाल गर्ग जिनके हस्ते पर्दा खींचकर पुस्तक का लोकार्पण हुआ ने अपने वक्तव्य में कहा की उनके विभाग की योग्य साहित्यकार कवयित्री भी है यह पहली बार पता लगा। उन्होंने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा ने डॉक्टर सुजाता दास अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हुए उनके साहित्य की सेवा को अद्भुत निरूपित किया। इस कार्यक्रम में चार्टर्ड अकाउंटेंट भिलाई ने डॉक्टर सुजाता दास की इस कृति के लिए और हमेशा उन्हें अपना सम्मान देने हेतु भूरी भूरी प्रशंसा की। साथ में संगीतकार रवीश चंद्र कलगांवकर ने मीठी की दो कविताओं को संगीत बद्ध कर बच्चों के माध्यम से प्रस्तुत कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। इस कार्यक्रम का संचालन भिलाई के रंगकर्मी श्री डे ने अपने रोचक अंदाज में किया। यह कार्यक्रम 21 जनवरी को सुबह 11 बजे भिलाई में संपन्न हुआ।