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सभी धर्मो के देवी देवता एवं महापुरूषों के चित्र ऐसी जगह ना छपे जहा उनका सम्मान ना हो : इबादुल सिद्दीकी


नागपुर। समाजसेवी इबादुल सिद्दीकी जनहितैषी विगत कई वर्षों से वे धार्मिक प्रतीकों के अपमान के खिलाफ बहोत ही संवेदनशील विषय सभी देश वाशियो के धार्मिक भावनाओ जुड़े इस विषय पर सख्त कानून बनाने की मांग कर चुके है। हाल ही में उन्हें जिला प्रशासन की ओर से प्रतिउत्तर आया है कि उनकी मांग को केन्द्र सरकार और राज्य सरकार तक भेजा गया है। ईबादुल सिद्दीकी का कहना है कि, किसी भी धर्म के, धार्मिक आयोजनों के समय संबंधित धार्मिक चित्रों से सजी संबंधित वस्तूएं अगरबत्ती पॉकेट, पटाखे, मिठाईयां पॉकेट, गुब्बारों, कपडे, दुपट्टे, पोस्टर, पेपर, लोभान, चावल, गेहू की बोरियो डब्बो किताबो नाइट लैम्प शादी के कार्ड कैलेण्डर पतंगी तोरण तेव्हारो में टिशर्ट, कुर्ते, गम्छे, आदि बेची जाती है। अक्सर इस्तेमाल कर ऐसी पॉकेटों, गुब्बारों को कूडों में फेंका जाता है इससे धार्मिक भावनाएं आहत होती हैदल इसलिए किसी भी वस्तूओं के पॉकिटों, पैकिंग पर बैनर पोस्टर, पेपर, कपडे, शादी के कार्ड, निमंत्रण पत्रिका पर धार्मिक चित्रों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। इसके लिए सख्त कानून बनाये जाने की आवश्यकता है। 

अक्सर दीपावली के समय विभिन्न कंपनियों द्वारा उत्पादित अधिकांश पटाखों पर किसी ना किसी देवी, देवता, भगवान का चित्र बना होता है। आतिशबाजी के बाद लोग कहीपर भी खाली डिब्बे, पॉकिट को फेक देते है। ऐसा ही ईद के समय होता है सेवईयों, ड्रायफ्रूट, इत्र की शीशियों, रूमालों, टोपियों समेत कई वस्तूओं पर धार्मिक चित्र होते है। जिसका बाद में अपमान ही होता है। लोगों के पैरों में आते है, कूडे में पडे नजर आते है। जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होती है। इसलिए किसी भी उत्पादित वस्तू, पॉकेटों और पैकिंग पर धार्मिक चित्रों के इस्तेमाल की पूरी तरह से पाबंदी होनी चाहिए। इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकारें कडे कानून बनाये ऐसी मांग समाज सेवी इबादुल हसन सिद्दीकी उर्फ जनहितैषी ने की है। सिद्दीकी ने इस संदर्भ में बताया कि उन्होने 2009 से अब तक केन्द्र और राज्य सरकार को लगातार पत्र व्यवहार किया है। 

वें 850 से अधिक पत्र संबंधितों को भेज चुके है। इस दौरान 3 राष्ट्रपति, 2 प्रधानमंत्री, केन्द्रीय गृह और कानून मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा सभापति, गृहमंत्री, लोकसभा और राज्य सभा के सदस्यों, महाराष्ट्र के 5 मुख्यमंत्रियों अशोक चौहान, पृथ्वीराज चौहान, देवेंद्र फडणवीस, उद्धव ठाकरे, एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री, दोनों  उपमुख्यमंत्री विधानसभा, विधान परिषद अध्यक्ष, सभापति, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सांसद साक्षी महराज विहिंप के प्रवीण तोगडिया, श्री श्री रवि शंकर, योगगुरू रामदेव, अमित शाह गृहमंत्री, नितिन गड़करी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, शरद पवार, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार, विजय दर्डा, राज ठाकरे, अशोकराव चौहान, सुशील सिंधे, देश के अनेको मंत्री नेताओ को पत्र देकर मांग की आदि को पत्र प्रेषित कर कानून बनाने की मांग रखने की मांग की है।
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