डॉ. मिलिंद इंदूरकर ‘स्वरचैतन्य’ राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित
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नागपुर। स्वरमेघ आर्ट फाऊंडेशन संस्था का ‘स्वरचैतन्य’ पुरस्कार समारोह MKH संचेती पब्लिक स्कूल, नारायणी हॉल, हिंदुस्तान कॉलनी, नागपुर में बडी धुमधाम से संपन्न हुआ। संस्था की ओर से संस्था के अध्यक्ष डॉ. मनीष उपाध्ये ने ‘स्वरचैतन्य’ राज्यस्तरीय पुरस्कार बहुमान संगीतज्ञ डॉ. मिलिंद इंदूरकर, नागपुर को सम्मान प्रदान कर, शाल, श्रीफल, और ‘स्वरचैतन्य’ राज्यस्तरीय पुरस्कार सम्मानचिन्ह देकर गौरवान्वित किया। जेष्ठ गायिका सूरमणी डॉ. चित्रा मोडक को उनके संगीत क्षेत्र के मौलीक सम्मानजनक कार्य के लिये, संस्था की ओर से मानपत्र प्रदान किया। इस मानपत्र का वाचन सौ. अंजली उपाध्ये ने किया।
इसके पश्चात जेष्ठ गायिका संगीतज्ञ डॉ. चित्रामोडक और ‘स्वरचैतन्य’ राज्यस्तरीय पुरस्कार से सम्मनीत संगीतज्ञ डॉ. मिलिंद इंदूरकर इन दोनो संगीतज्ञों का शास्त्रीय गायन प्रस्तुत हुआ। जेष्ठ संगीतज्ञ डॉ. चित्रा मोडक ने राग -बैरागी भैरव तिनताल में निबद्ध बंदीश 'मन सुमीरत निसदिन तुमरो नाम' प्रस्तुत की। और डॉ. मिलिंद इंदूरकर ने राग ‘अहीर भैरव' तिनताल मे निबद्ध बंदीश' आज को आनंद' और उनकी स्वरचीत रागमाला 'शारदे नमो विश्वमोहिनी' प्रस्तुत की। इनके साथ तबला साथसंगत प्रितम ढगे और हार्मोनिअम संगत अमोल उरकुंडे ने की।
इसी शुभ अवसर पर संस्था की ओर से जेष्ठ संगीत महर्षी डॉ. नारायणराव मंगरूळकर और जेष्ठ संगीतज्ञ गुरुवर्य पं. जयंतराव इंदूरकर इनका शाल, श्रीफल और सन्मान चिन्ह देकर सन्मानीत किया। रोडमार्क फाऊंडेशन के अध्यक्ष राजेश वाघ और सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र मोहिते का सत्कार किया। अयोध्या मे रामलला की प्रतिष्ठापना के शुभअवसर पर डॉ. मनीष उपाध्ये इनके द्वारा शब्दबद्ध संगीतबध्द की हुयी बंदीश सुप्रसिद्ध गायिका सौ. रसिका करमाळेकर इन्होंने रामार्पित की। कविवर्य ॲड. माधव बोबडे इनकी स्वरचीत ‘मोहोळ’ गझल संग्रह का विमोचन मान्यवरों के हस्ते हुआ।
इस प्रसंग में संस्था के उपाध्यक्ष दिलीप माहूरकर, सचिव प्रबोध देशपांडे मंच पर उपस्थित थे। इस स्वरचैतन्य पुरस्कार समारोह यशस्वी करने मे दिनेश टेकाडे, राजेश दुर्गे, विशाखा पाध्ये, शर्वरी पुराणिक, अनय पाध्ये, अशोक तुंबडे, ॲड. माधव बोबडे ने अथक परिश्रम लिये। इस पुरस्कार प्रदान समारोह मे सुत्रसंचलन सौ. चेतना आर्विकर ने किया। इसके पश्चात ‘सप्तसूर’ गीत गायन स्पर्धा की संस्था की ओर से शुरुवात हुयी।