पान खाने में बढ़ रही लोगों की रुचि
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कपूरी, कलकत्ता और बंगला पान की बाजार में आवक तेज
नागपुर। शहर में हाजमे को ठीक रखनेवाले मुखवास के रूप में खाये जानेवाले पान का क्रेज पुन: लौट आया है.पान के ठोक थोक और खुदरा बाजार में पान के भाव अनेक गुना ज्यादा बढ़ने पर भी पान के खाने का क्रेज अब भी बरकारर है. पान व्यपारियों का मनाना है कि पान खाने के फायदे होने से अब लोग पान के सेवन की तरफ अपनी रुचि बढ़ा रहे हैं. लोग पान का सेवन बढ़- चढ़ कर करने लगे हैं. उत्तम पान मंदिर के संचालक उत्तम हुमने कहना है कि वर्तमान समय में खाना खाने के बाद पान के कत्थे, चुने, सौंफ के साथ सेवन करने का चलन वापस लौट आया है.
आम साधारण लोगों का विश्वास है कि पान के साथ चुनने का सेवन करने से कैलशियम की मात्रा बढ़ती है. हाजमा भी अच्छा रहता है. व्यवसायी रमेश गोनाडे का कहना है पान की आवक कोलकाता से हो रही है. पान के भाव 1000/- प्रति हजार से लेकर 6000/- प्रति हजार चल रहा है. वर्तमान में पानठेले पर प्रति नग पान मसाले के पानबीड़ा 20/- से लेकर 75/- प्रति नग तक हो चुके हैं. लोग चटनी, चमन, ठंडाई, इलायची के पान के साथ गुलकंद भी डलवाकर पान का सेवन करते हैं. कुछ लोग पान बीड़े के साथ सादी सुपारी, सेकी भुंजी सुपारी भी खाते हैं.
खुदरा पान व्यापारी शेख का कहना है कि वर्तमान के समय में पान की मांग धीरे-धीरे बढ़ने लग गई है. जहां पहले के समय घर घर में पान का डिब्बा, सरोता, चूने की डिब्बी, कत्थे का पॉकेट भी रहता था. साथ में पिपरमेंट और मीठी लकड़ी भी डाली जाती थी. जिसके वजह से छाती का कफ भी ठीक हो जाता था. पान खाने से खांसी भी नहीं होती. आयुर्वेद के अनुसार पान के साथ चुने के प्रयोग से कैल्शियम से दांत की मजबुती बनी रहती है.