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बादशाह दरवेश गुर गोबिंदसिंघ, शाहि शहनशाह गुर गोबिंदसिंघ के जयघोश से गूंज उठा परिसर


श्री कलगीधर सत्संग मंडल से निकली भव्य शोभायात्रा

विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

नागपुर। श्री गुरु गोबिंदसिंघजी महाराज की 357 वें प्रकाशदिवस (जयंती) के उपलक्ष्य में जरीपटका स्थित श्री कलगीधर सत्संग मंडल द्वारा विगत सात दिनों से जारी विशाल धार्मिक अनुष्ठान बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इन सात दिनों में नागपुर के अलावा विदर्भ, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, राजस्थान इत्यादि राज्यों से लाखों श्रद्धालुओं ने श्रद्धापूर्वक शामिल होकर जरीपटका को अबिचल नगर (नांदेड़) जैसा स्वरुप दे दिया। सुबह से ही श्रद्धालुओं में अति उत्साह नजर आ रहा था।

दोपहर 1 बजे अतिथियों व श्रद्धालुओं द्वारा पूजा-अर्चना व आदि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष अरदास कर शोभायात्रा आरंभ करने की अनुमति ली गई। शोभायात्रा मंडल हाल से विभिन्न जयघोषों, गुरुबाणी गायन व अनेक नयनाभिराम झांकियों सहित हर्षोल्लास-धार्मिक वातावरण में निकलकर दयानंद पार्क चैक, हुड़को कालोनी, आहूजा नगर, भीम चैक, बाराखोली, मेन बाजार रोड, चैधरी चैक व जरीपटका के प्रमुख मार्गों का भ्रमण कर वापस मंडल के हाल में शाम 6 बजे पहुँची। शोभायात्रा के मार्ग पानी से साफ कर आकर्षक पुष्प बिछाकर, तोरण द्वार सजाए गये थे। 

आकर्षक स्वर्ण रथ पर ‘धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब’ के समक्ष आगे श्रद्धालुजन दूध-पानी का छिड़काव व पुष्पवर्षा कर अपने गुरु के प्रति श्रद्धा प्रकट कर रहे थे। जहां-जहां से शोभायात्रा गुजर रही थी वहां के नागरिक व विभिन्न धार्मिक, राजनैतिक, शैक्षणिक संस्थाओं ने अति उमंग-उत्साह व श्रद्धा के साथ शोभायात्रा का पुष्प मालाओं, श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा कर व प्रसाद चढ़ाकर भव्य स्वागत किया। 

जगह-जगह पर श्रद्धालुओं को समोसा, बूंदी, कचैड़ी, मसालेदार चने, फल, मिठाईयां, तोश-चाय-खीर, पानी इत्यादि का वितरण किया जा रहा था। शोभायात्रा की प्रमुख विशेषता यह थी कि शामिल हजारों की संख्या में श्रद्धालु नर-नारी, बच्चे व वृद्ध अनुशासन में एक ही लय-सुर-ताल में कर्णप्रिय गुरुबाणी गायन कर संपूर्ण परिसर को धार्मिकमय बनाते हुये आगे बढ़े जा रहे थे। वस्तुतः यह दृश्य अविस्मरणीय व दर्शनीय था तथा भक्ति भावना की जीती जागती मिसाल पेश कर रहा था।

शोभायात्रा में विशेष आकर्षण मनमोहक स्वर्ण रथ पर धन श्री गुरु ग्रंथ साहिबजी विराजमान थे जहां श्रद्धालुजन नतमस्तक होकर मनोकामना पूर्ति हेतु दुशाले, पुष्पहार व प्रसाद अर्पण कर रहे थे। तद्नंतर श्री गुरु नानकदेव, गुरु अरजनदेव, गुरु हरिराय साहिब, गुरु हरिक्रिशन, गुरु तेगबहादर, गुरु गोबिंदसिंघ, मां भगवती इत्यादि विहंगम दृश्यों वाली झांकियां थी। शोभायात्रा में शामिल 25-30 हजार से अधिक श्रद्धालुजन गुरु महाराज की जय-जयकार कर शोभायात्रा का उत्साह व उमंग बढ़ा रहे थे। श्रद्धालुजन ‘बादशाह दरवेश गुर गोबिंद सिंघ, शाहि शहनशाह गुरू गोबिंद सिंघ’, ‘नासिरो मनसूर गुरू गोबिंद सिंघ’, ‘कलगियांवाले-बाजांवाले-हेमकुंटवासी गुरु गोबिंद सिंघ’, ‘धनगुरु गोबिंद सिंघ वाहुगुरु गोबिंद सिंघ’, ‘वाहु मेरे साहिबा वाहु’ इत्यादि जयघोष करते हुए चल रहे थे।

शोभायात्रा के पूर्व मंडल की महिलाओं द्वारा मंडल में श्री जपुजी साहिब, श्री सुखमनी साहिब, श्री गुरु गोबिंदसिंघ द्वारा रचित श्री जापु साहिब व दसम ग्रंथ में वर्णित मां भगवती की स्तुती का श्रद्धालुओं द्वारा पठन किया गया। उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को मेथी-पुलाव, जलेबी, चाय तोष का वितरण किया गया।

अंत में दादा माधवदास ममतानी ‘वकील साहिब’ ने श्री गुरु गोबिंदसिंघ प्रकाश पर्व निमित्त आयोजित ‘श्री गुरु ग्रंथ साहिब’ के सप्ताह पाठ का भोग पाकर सभी की शुभ मनोकामनायें पूर्ण हो तथा सभी धर्मावलंबियों तथा संगत में आपस में भाईचारा व एकता हेतु परमात्मा से अरदास (प्रार्थना) की। संयोजक अधि. माधवदास ममतानी ने प्रकाशपर्व के सभी कार्यक्रमों के अति सुंदर आयोजन में सहयोग के लिये सभी श्रद्धालुओं, रागियों, सेवाधारियों द्वारा दिये गये सहयोग के लिये आभार प्रकट किया व श्री गुरु गोबिंदसिंघ प्रकाश दिवस के उपलक्ष्य में सभी को बधाईयां दी।

शोभायात्रा आरंभ की पूजा अर्चना में विधायक डॉ. नितिन राऊत व विकास ठाकरे, ज्वाइंट कमिश्नर अस्वती दोरजे, पूर्व विधायक मिलिंद माने, विरेन्द्र कुकरेजा, जयप्रकाश गुप्ता, सुरेश जग्यासी, बंडोपंत टेंभुर्णे, दौलत कुंगवानी, रोहित यादव इत्यादि गणमान्य नागरिक शामिल होकर गुरुमहाराज का आशीर्वाद लिया।
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