न्यूजीलैंड वेलिग्टन के भारतीय उच्चायोग में विश्व हिंदी दिवस पर नागपुर की कवियित्री रति चौबे का हुवा भाषण
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नागपुर। भारतीय उच्चायोग, वेलिग्टन न्यूजीलैड द्धारा आयोजित कार्यक्रम में उच्चायुक्त श्रीमती नीता भूषण, सेकेन्ड सेक्रेटरी दुर्गादास और मनोज कुमार साहू,श्रीमती नीतू जयस्वाल साहू तथा श्रीमती पुष्पा वुड, अनुराधा गुप्ता आदि अतिथीगण और बच्चों कि उपस्थिति में महाराष्ट्र के नागपुर शहर की प्रसिध्द कवियित्रि, लेखिका व हिंदी प्रचार-प्रसार की एक प्रसिध्द संस्था ‘हिंदी महिला समिति’ की 30 वर्षो से अध्यक्षा रही रति चौबे ने अपने यह भाव व्यक्त किए ‘क्योंकि मैं हिंदी हूं’ अपना भाषण मंच से प्रस्तुत किया तो उच्चायोग का सभागृह तालियों से गूंज उठा।
अपने सम्बोधन में रति चौबे ने हिंदी को हमारी संस्कृति बताया, उसे सहेज कर रखना हर हिंदी प्रेमियों और सभी भारतीयों का कर्तव्य है,हिंदी का उत्थान हमारा उत्थान है . साथ ही अपनी हार्दिक इच्छा बताते.हुए कहा कि जब देश से बाहर, विदेश में रहते हुए भी हर बच्चा हिंदी बोलेगा, समझेगा, पढेंगा तथा हिंदी में अपने हस्ताक्षर करेगा तो- मुझे आत्मिक संतोष मिलेगा, अपने ह्दय में उठती वेदना व उठती टीस के लिये रति चौबे ने अपने को हिंदी का स्वरुप मानते हुआ कहा कि ‘हिदी’ भारत का प्राण.है,उसमें वो संवेदना ,उत्साह, आर्कषण है जिससे सब प्रभावित होते है अपने भावों को कुछ इस दर्द भरे शब्दो में काव्यात्मक रुप में कहा- क्यों मनाते है हर वर्ष विश्व हिंदी दिवस-/ हर रोज क्यूं नही मनता यह दिवस -वाकई मै लाइलाज हूं, मै पखवाडों तक सीमित, मै मात्र एक खिलौना हूं ? मै एक रिवाज बन गई हूं ? मै एक प्रश्नवाचक बन.गई हूं- पर मै ना हांरूगी, ना बिखरूंगी क्योंकि मै- हिंदी हूं, हिंदी हूं, हिंदी हूं-
अंत में उपस्थित सभी बच्चों व अभिभावको, वरिष्ठतम व अन्य पधाधिकारियों ने रति चौबे के साथ उत्साहपूर्वक उदघोष के साथ नारे लगाए हम हिंदी सीखेगे,लिखेंगे, हस्ताक्षर करेगे, समझेगे और साथ ही 22 जनवरी को होने वाले अयोध्या में राममंदिर में श्रीराम मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिये जय सिया राम का उदघोष किया और उच्चायोग सभागृह गूंज उठा। हिन्दी महिला समिती कि इस कवियित्री ने उच्चायोग के दिये। इस अवसर पर अपनी पृस्तुती से हमें अत्यंत गौरवान्वित किया।