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लोक मान्यता कभी संवैधानिक मान्यता की मोहताज नहीं होती : अनिल त्रिपाठी


राजीव गांधी राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा प्रबंधन संस्थान, नागपुर में कार्यशाला का आयोजन

नागपुर। राजीव गांधी राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा प्रबंधन संस्थान, नागपुर में कार्यशाला का आयोजन 17 जनवरी को किया गया। 
‘हिंदी का मानकीकरण तथा हिंदी व्याकरण’ विषय पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन कार्यालय प्रमुख निर्माल्य सिन्हा, संयुक्त नियंत्रक, एकस्व एवं अभिकल्प एवं कार्यालय प्रमुख ने किया। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में आयकर विभाग नागपुर के सहायक निदेशक अनिल त्रिपाठी को आमंत्रित किया गया था। अध्यक्ष द्वारा मुख्य अतिथि के स्वागत पश्चात मोहम्मद सबाह उद्दीन, कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी ने अतिथि वक्ता के परिचय से सभी को अवगत कराया।

मुख्य अतिथि वक्ता ने हिंदी के मानकीकरण तथा व्याकरण के महत्वपूर्ण नियमों से प्रतिभागी अधिकारियों व कर्मचारियों को अवगत कराया। अपने वक्तव्य में श्री अनिल त्रिपाठी ने कहा कि लोक मान्यता कभी संवैधानिक मान्यता की मोहताज नहीं होती। इस देश की जनता गांधीजी को राष्ट्रपिता और हिंदी को राष्ट्रभाषा मान चुकी है। संविधान में इसका उल्लेख है या नहीं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। 
कार्यशाला का समापन प्रतिभागियों के लिए आयोजित प्रश्नोत्तरी सत्र के साथ हुआ जिसमें अनिल त्रिपाठी ने अधिकारियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का समाधान प्रस्तुत किया। हिमांशु चंद्राकर सहायक नियंत्रक, एकस्व व अभिकल्प व सचिव राजभाषा कार्यान्वयन समिति ने  अध्यक्ष,  अतिथि वक्ता तथा प्रतिभागियों की उपस्थिति के लिए आभार माना। कार्यालय के हिंदी कार्यान्वयन समिति के सदस्य शालिक बिनेकर, हिंदी टंकक का हिंदी कार्यशाला प्रबंधन हेतु उनका विशेष धन्यवाद किया गया।
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