रुग्णता और घावों को कम करने के लिए घाव भरने की नई उन्नत तकनीकें : डॉ. संदीप नाफड़े
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गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज नागपुर में घाव भरने पर सीएमई आयोजित
नागपुर। एपीआई, हॉल ए, जीएमसी, नागपुर में शनिवार 9 दिसंबर को सर्जरी एवं न्यूरो सर्जरी विभाग शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय द्वारा प्लैटिनम जयंती समारोह,जारी रहने के एक भाग के रूप में ‘घाव भरना हुआ आसान’ विषय पर एक सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम (सीएमई) का आयोजन किया था।
पहला वैज्ञानिक भाषण ‘ट्रू ओवाइन ईसीएम के तकनीकी एवं नैदानिक पहलू’ पर डॉ. संदीप नफाड़े. द्वारा
पेश किया गया। मैरियाड के अनुप्रयोग और केस अध्ययन (दुनिया का पहला और एकमात्र पूर्ण, पूरी तरह कार्यात्मक, ओवाइन ईसीएम बायोस्कैफोल्ड)से आश्वासक उपलब्धियां हासिल करने का व्यक्तिगत अनुभव साझा किया। और कुछ दिनों में चल रहे प्रयोग अभ्यास से इस का लाभ मिलेगा और अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे ऐसी जानकारी दी।
तत पश्चात प्रश्नोत्तरी, पेटेंट प्राप्त प्रौद्योगिकी के विज्ञान और अनुप्रयोगों पर इंटरैक्टिव सत्र हुआ। औपचारिक उद्घाटन समारोह में सर्जरी विभाग के भूतपूर्व वरिष्ठ शिक्षकों का संमांन एवं अभिनंदन किया गया। जिसमें डॉ नरेन्द्र देशमुख, डॉ भरत देशराज, डॉ राज गजभिए सद्य अधिष्ठाता जी एम सी, डॉ बी एस गेडाम, डॉ वर्षा सगदेव आदि को शाल श्रीफल स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। बाद में डॉ.प्रमोद गिरि न्यूरो सर्जन द्वारा ‘सिर की चोट: ब्रेड और बटर या सिरदर्द’ पर दिलचस्प बात बताई और प्रबंधन में सतर्कता से कौन सी बाते ध्यान से प्रयोग में लाना या हस्तक्षेप नहीं करना ईसकी चर्चा करते आचार नियम और संमत सूचनाएं और तत्काल कृती पर पदव्युत्तर छात्रों को मार्गदर्शन किया। आपने सर मे चाकू थोपने की 2 मामले ( दुनिया के एकमात्र शल्यचिकित्सक) और सरिया आर-पार जाकर भी बेहोश नही होकर सफल शल्यचिकित्सा से जान बचाकर एक रिकॉर्ड बनाया है, इस समय उन मामलों को भी व्हिडीओ द्वारा पेश किया और कठिनाइयां का सामना कैसे किया यह बात रखी। डॉ ब्रजेश गुप्ता विभाग प्रमुख ने स्वागत किया। डॉ भुपेश तिरपुडे ने कार्यक्रम के आयोजक थे। डॉ गायत्री देशपांडे ने आभार व्यक्त किया।