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उभरते सितारे में 'लक्ष्य निर्धारण'




नागपुर। लक्ष्य का निर्धारण जीवन में अत्यावश्यक है। जो हमें आसानी से नहीं मिलता। अपने पसंदीदा विषय जैसे, शिक्षा, कला, साहित्य, खेल या अन्य जिसमें अभिरुचि हो। उसे अपने जीवन का लक्ष्य बनाएं और उसे लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पित होकर आगे बढ़ते रहना, प्रयास करते रहना, बहुत जरूरी है। तभी, जीवन को सफल बना सकते है। यह विचार सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखें।


विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं के लिए लोकप्रिय उपक्रम, ‘उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत  संगीतमय कार्यक्रम 'लक्ष्य निर्धारण', उत्कर्ष हॉल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में समाजसेविका डॉ चित्रा गुप्ता तूर जी अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। इनका सत्कार सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। सबसे 
पहले कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए सहसंयोजिका कृष्णा कपूर ने बच्चों को इस विषय पर मार्गदर्शन किया।
तत्पश्चात, कुछ बच्चों ने भी इस विषय पर प्रकाश डालते हुए बहुत ही सुंदर प्रस्तुतियां दी। जिसमें राम अर्णव बागल और  देवांशी पटनायक की प्रस्तुति बहुत प्रभावशाली रही।

प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को विलास मोहरकर, राहुल गुप्ता, आनंद डोंगरे, बाबा खान, मोनिका रेमंडल, वेदप्रकाश अरोरा, प्रीति अभिजीत बागल, देवस्मिता मानस पटनायक आदि ने खूब सराहा। कार्यक्रम का संचालन वैशाली मदारे ने किया। कार्यक्रम में सहयोग प्रशांत शंभरकर ने किया। तथा उपस्थित दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।
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