सिंधी बाल नाटक ‘बुजु़र्ग समाज जो वरसो आहिन’ का सफल मंचन
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बहुभाषिक बाल नाट्य एकांकी महोत्सव में सिंधुड़ी यूथ विंग की सशक्त प्रस्तुति
नागपुर। अखिल भारतीय मराठी नाट्य परिषद की घटक संस्था बाल रंगभूमि परिषद, नागपुर शाखा की ओर से सुरेश भट्ट ऑडिटोरियम में आयोजित बहुभाषिक बाल नाट्य एकांकी महोत्सव में बच्चों ने पाली, उर्दू, हिंदी, बंगाली, उड़िया, पंजाबी, गुजराती एवं सिंधी भाषा के नाटकों का मंचन किया। बुजु़र्गों को घर में तथा समाज में उपेक्षा की नज़रों से देखा जाता है। जब बड़े उनकी उपेक्षा करते हैं तो बच्चों के मन पर इसका मनौवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। इस बात की समाज को तीव्र भत्सर्ना करनी चाहिये। यह बात बच्चों के मुख से कहलाते हुए इस महोत्सव में सिंधुड़ी यूथ विंग, नागपुर द्वारा सिंधी बाल नाटक ‘बुजु़र्ग समाज जो वरसो आहिन’ की सशक्त प्रस्तुति की गई।
नाटक के लेखक किशोर लालवाणी तथा निर्देशक राकेश मोटवाणी थे। इस नाटक में आठ सिंधी बाल कलाकारों ने पहली बार मंच पर आकर अपनी कला का प्रदर्शन किया। नागपुर के सिंधी रंगमंच पर इस तरह का प्रयोग पहली बार हुआ जिसे दर्शकों ने दिल खोलकर प्रतिसाद दिया। नाटक की लाइटिंग की व्यवस्था परसराम चेलाणी ने संभाली तथा संगीत गुरमुख मोटवाणी ने दिया तथा बैक स्टेज की व्यवस्था श्रीचंद जेठानी ने संभाली।
नाटक में भाग लेनेवाले बाल कलाकारो में पवन परसराम चेलानी, मिष्टी अमित बत्रा, गौरव श्रीचंद जेठानी, लावन्या रुपेश खुशालानी, संदेश रुपेश खुशालानी, अंश निर्मल रुपचंदानी, दितिशा निर्मल मूलचंदानी तथा समर वाशूराम केवलरामाणी का समावेश था.