नागरी लिपि सम्मेलन की समीक्षा बैठक संपन्न
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नागपुर/तिरुवनंतपुरम। देश विदेश में नागरी लिपि का प्रचार प्रसार करने वाली एकमात्र संस्था नागरी लिपि परिषद मुख्यालय में हाल ही में संपन्न 46 वें अखिल भारतीय नागरी लिपि सम्मेलन तिरुवनंतपुरम (केरल) की समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी । बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति डॉ. प्रेमचन्द पातंजलि ने की। मुख्य अतिथि के रूप में टोरंटो (कनाडा) से पधारे अखिल विश्व हिंदी समिति कनाडा के अध्यक्ष गोपाल बघेल मधु उपस्थित थे। परिषद के कार्याध्यक्ष एवं पूर्व प्राचार्य डॉ. शहाबुद्दीन शेख के सानिध्य में आयोजित बैठक का संचालन परिषद के महामंत्री एवं सम्मेलन के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. हरिसिंह पाल ने किया। परिषद की कार्यसमिति के सदस्य एवं पूर्व उपनिदेशक श्री उमाकांत खुबालकर ने पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविद का सम्मेलन की सफलता के लिए भेजा गया शुभकामना संदेश पढ़कर सुनाया।
कार्याध्यक्ष डॉ. शहाबुद्दीन शेख ने अपने बीज वक्तव्य में बताया क़ि जब से डॉ.पातंजलि ने अध्यक्ष और डॉ.पाल ने परिषद के महामंत्री का पदभार संभाला है, तब से नागरी लिपि परिषद ने अपनी सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। डा. पाल की नेतृत्व क्षमता ने परिषद के किसी भी कार्य को बाधित नहीं होने दिया है। अर्थाभाव में भी केरल में प्रथम बार आयोजित नागरी लिपि सम्मेलन सभी दृष्टि से सफल रहा है, जिसमें भौतिक एवं आभासी रूप से 5 देशों और 15 राज्यों के 150 नागरी प्रेमियों ने इसमें भाग लिया था। इस अवसर पर अखिल विश्व हिंदी समिति कनाडा के अध्यक्ष श्री गोपाल बघेल को सम्मेलन की स्मारिका प्रकाशन के लिए प्रदत्त आर्थिक सहयोग हेतु सम्मानित किया गया।
डा. पातंजलि ने परिषद के अंगवस्त्र और डा. शेख ने नागरी साहित्य भेंट किए। श्री मधु ने कनाडा में प्रवासी भारतीयों और भारतीय कोसलावास द्वारा नागरी लिपि और हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे प्रकल्पों की जानकारी दी। उन्होंने नागरी लिपि परिषद द्वारा राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने के योगदान की सराहना की और अपने नागरी लिपि परिषद का आजीवन होने पर गर्व व्यक्त किया। इस अवसर पर पधारे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री डा. मनीष जांगिड ,संघ विस्तारक राजकुमार और सुप्रसिद्ध समाजसेवी राजीव पांचाल का भी अंगवस्त्र और नागरी साहित्य भेंट कर सम्मान किया गया।
अपने अध्यक्षीय व्यक्तव्य में डा. पातंजलि ने कहा कि केरल नागरी लिपि सम्मेलन की सफलता का श्रेय परिषद के समस्त पदाधिकारियों और प्रचारकों एवं नागरी प्रेमियों के सामूहिक प्रयासों को है। कनाडा में रहकर गोपाल बघेल मधु जिस निष्ठा से कनाडा में नागरी लिपि और हिंदी का प्रचार प्रसार कर रहे हैं, उससे परिषद का सिर ऊंचा होता है। डा. मनीष और राजकुमार जैसे युवा कार्यकर्ता हमारे अभियान को आगे बढ़ाएंगे, ऐसी हमें आशा है। परिषद के कोषाध्यक्ष आचार्य ओम प्रकाश ने धन्यवाद ज्ञापन किया। वरिष्ठ संसदीय पत्रकार रमेश चंद ने बैठक की व्यवस्था में सराहनीय योगदान दिया। प्रसिद्ध शायर जनाब सरफराज देहलवी, गीत एवं नाटक भाग के पूर्व अधिकारी एहतराम सिद्दीकी की विशेष उपस्थिति रही।