लाइव कंसर्ट का संगीत ऑफ म्यूजिक अकैडमी
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नागपुर। संगीतालय म्यूज़िक एकेडमी की ओर से मासिक संगीत सभा का आयोजन उत्कर्ष हॉल में किया गया। सर्वप्रथम, संगीत आचार्य श्री समर सेन सर द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। एकेडमिक की ओर से सभी कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया। प्रथम प्रस्तुति के रूप में आरोही बघेल ने मां सरस्वती की वंदना से कार्यक्रम शुरुआत की। तत्पश्चात, आस्था तिवारी ने एक मीरा भजन प्रस्तुत किया। दीपक बावने ने 'हमसे का भूल हुई', 'क्या खूब लगती हो', आशिमा बोस ने 'हमें तुमसे प्यार कितना', 'दिल है कि मानता नहीं', संगीता राय करमाकर ने 'तेरे मेरे सपने', 'यह मेरी जिंदगी एक पागल हवा', धीरज कोचर ने 'छूकर मेरे मन को', 'दिलबर मेरे कब तक मुझे', सीमा लूहा ने 'बेताब दिल की तमन्ना', 'यह लड़का हाए अल्लाह', आरोही बघेल ने 'पिया बावरी', 'मेरी ख्वाबों में जो आए', आस्था तिवारी ने 'सवार लूं सवार लूं', 'ओ मेरे सोना रे', युवराज चौधरी ने 'दुनिया बनाने वाले' और 'मेरे घर आई एक नन्ही परी' जैसे गीतों से माहौल खुशनुमा बना दिया।
साथ ही विभिन्न वाद्य यंत्रों पर कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दी। जिसमें, विनोद जांबूलकर ने माउथ ऑर्गन पर 'पीयू बोले पिया बोले', आगे भी जानें ना तू', अशोक धोपटे ने गिटार पर 'जीवन के सफर में राही', आशमी चौधरी, भावेश कोडापे और एलिजा एंथनी ने एकसाथ कीबोर्ड पर 'तुम ही हो', 'बोल दो ना जरा', तेजस टुप्परवार ने गिटार पर 'दो लफ्जों की है' और 'एक अजनबी हसीना से' बजाकर लोगों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम में ध्वनि प्रक्षेपण की व्यवस्था विकी ने संभाली। कार्यक्रम का संचालन और निवेदन युवराज चौधरी ने किया। उपस्थित सभी कलाकारों और दर्शकों का आभार समर सेन सर ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।