उभरते सितारे में 'मदद करना सीखें'
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नागपुर। जीवन में हमेशा सकारात्मक विचारों के साथ रहना सीखें। तथा, आपस में प्रेम, करुणा, स्नेह, मित्रता, बंधुता, और समानता के भावों से ही, हम एक दूसरे की निस्वार्थ भाव से मदद कर सकते हैं। और जीवन आनंदमय बना सकते है। यह विचार संयोजक युवराज चौधरी ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखें।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं के लिए लोकप्रिय उपक्रम, ‘उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत संगीतमय कार्यक्रम 'मदद करना सीखें', उत्कर्ष हॉल में आयोजित किया गया। सबसे पहले कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए सहसंयोजिका कृष्णा कपूर ने विस्तृत रूप से बच्चों को इस विषय पर मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर अंतरराज्यीय नृत्य स्पर्धा में प्रथम कु. पूर्वी मंगेश वैद्य का सत्कार किया गया।
तत्पश्चात, कुछ बच्चों ने भी इस विषय पर प्रकाश डालते हुए बहुत ही सुंदर मनमोहक प्रस्तुतियां दी। जिसमें संपूर्णा रेमंडल ने 'मदद करना सीखे' विषय पर एक कविता प्रस्तुत की। प्रांजल गावंडे, वैष्णवी अंबरते, ओजस्वी नस्कर, निधि बागल और राम बागल ने अपने गीतों से सबका मन मोह लिया। नव्या सुनील तांडेकर, आयुष धनराज बुरडे, मधुरा बांते, सम्पूर्णा रेमंडल और पूर्वी मंगेश वैद्य ने शानदार नृत्य की प्रस्तुति दी।
प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को विश्वनाथ कोठारी, वंदना जनबंधु, गीता पुनय्या, तृप्ती पाटील, संतोष बघेल, विलास मोहरकर, राजेश प्रसाद, डॉ संजय उत्तरवार, बाबा खान, मोनिका रेमंडल, वेदप्रकाश अरोरा, प्रीति अभिजीत बागल, वैशाली मदारे आदि ने खूब सराहा। कार्यक्रम का संचालन कृष्णा कपूर ने किया। कार्यक्रम में सहयोग प्रशांत शंभरकर ने किया। तथा, उपस्थित दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।