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उभरते सितारे में 'खुशियां बांटें'



नागपुर। मानवीय संवेदना के साथ जुड़ी होती है खुशियां। जरूरी नहीं खुशियां भौतिकता से ही मिले, इंसान का संवेदनशील होना भी जरूरी है। सभी की खुशियों का मापदंड अलग-अलग होता है। यह विचार ऍड. किशोर क्षीरसागर ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखें।


विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं के लिए लोकप्रिय उपक्रम ,'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत  संगीतमय कार्यक्रम 'खुशियां बाटें', उत्कर्ष हॉल में आयोजित किया गया। जिसमें अतिथि के रूप में सुपरिचित ऍड. किशोर क्षीरसागर उपस्थित थे । इनका सत्कार संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागत वस्त्र और स्मृतिचिन्ह देकर किया। सबसे पहले कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने विस्तृत रूप से बच्चों को 'खुशियां बांटें', इस विषय पर अच्छा मार्गदर्शन किया।

तत्पश्चात, कुछ बच्चों ने भी इस विषय पर प्रकाश डालते हुए बहुत ही सुंदर मनमोहक प्रस्तुतियां दी। जिसमें शाश्वत गजभिए ने सुंदर कीबोर्ड वादन किया। आर्या संदीप भोंगाडे ने हास्य व्यंग प्रस्तुत कर सबको हंसाया। शाश्वत गजभिए और भव्या अरोरा ने अपने गीतों से सबका मन मोह लिया।

प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को ओमप्रकाश कहाटे, दिनेश बागड़ी, विश्वनाथ कोठारी, राजीव देसाई, श्वेता गजभिए, माला सरदार, आरसी महतो, बाबा खान, मोनिका रेमंडल, अलका रुंगटा,  वेदप्रकाश अरोरा, देवस्मिता मानस पटनायक, प्रीति अभिजीत बागल, शालिनी तेलरांधे आदि ने खूब सराहा। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा, उपस्थित दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।
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