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'स्मृतियों के उपवन में मुस्कुराती ऐशा' का भावभीना लोकार्पण

नागपुर। महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा एवं वामा विमर्श मंच के तत्वावधान में इवेंट क्वीन स्व. ऐशा चटर्जी के जन्मदिन पर स्मरणिका 'स्मृतियों के उपवन में मुस्कुराती ऐशा' का भावभीना लोकार्पण सम्पन्न हुआ। 

कार्यक्रम के अध्यक्ष अजय पाटिल, मुख्य अतिथि डाॅ. सागर खादीवाला, विशिष्ट अतिथि श्रीमती मंदिरा गांगुली, डाॅ. रंजन दारव्हेकर एवं अपर्णा चटर्जी मंचासीन थे। 

ऐशा चटर्जी के आकर्षक व्यक्तित्व, संवेदशील लेखन, सकारात्मक ऊर्जा एवं अपनत्व भरे स्वभाव को कार्यक्रम में सबने याद किया। ऐशा जी की नेकियां, सत्कर्म एवं उनका सदव्यवहार ही था कि उनके जाने के बाद उनके मित्रों ने उनकी रचनाओं के साथ अपने संस्मरणों की यह स्मरणिका बनाकर उन्हें याद किया। 

कार्यक्रम का शुभारम्भ शशि भार्गव प्रज्ञा, हेमलता मिश्र 'मानवी' और सुधा राठौर की प्रार्थना से हुआ। स्वाति सुमेश पैंतिया ने चिट्ठी न कोई संदेश इस गीत से सबको भावुक कर दिया। आभा आसुदानी ने एकला चलो रे की सुंदर प्रस्तुति दी। 

हेमलता मिश्र मानवी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी। कार्यक्रम का संचालन रीमा दीवान चड्ढा ने किया तथा आभार शगुफ्ता यास्मीन काज़ी ने माना। श्रद्धा भारद्वाज, डाॅ. शीला भार्गव, चन्द्रा चक्रवर्ती, निर्मला पांडेय, मधु सिंघी, अनिल मालोकर, डाॅ. प्रेमलता तिवारी, संतोष बुधराजा, रुबी दास, स्वर्णिमा सिन्हा, किरण हटवार, रश्मि मिश्रा, उमा हरगण, पुष्पा पांडे ने ऐशा से जुड़े संस्मरण साझा किये। 

डाॅ. आदिला खादीवाला, डाॅ.ज्योति गजभिये, माधुरी  राऊलकर,राजेश नामदेव, छवि चक्रवर्ती, स्वप्न गांगुली, देवयानी बैनर्जी, शादाब अंजुम, अनिरुद्ध चटर्जी, माधुरी मिश्र, प्रभा लोढ़ा आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। रेशम मदान, सुजाता दुबे, निरंजना गांधी और रितु आसई ने सहयोग किया।
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