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रायपुर के पंडित रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में व्याख्यान माला संपन्न

नागपुर/रायपुर। केंद्रीय हिंदी निदेशालय, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में तीन व्याख्यानों का आयोजन 3 से 5 अक्टूबर को पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़ में किया गया था। लोकसेवा महाविद्यालय, गारखेडा, औरंगाबाद (छत्रपति संभाजी नगर), महाराष्ट्र के पूर्व प्राचार्य एवं नागरी लिपि परिषद, गांधी स्मारक निधि, राजघाट, नई दिल्ली के कार्याध्यक्ष तथा विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मुहम्मद शेख, पुणे, महाराष्ट्र ने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़ के ‘साहित्य एवं भाषा अध्ययन शाला’ में हिंदी के शोधार्थियों एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को अपने व्याख्यानों से लाभान्वित किया। 

3 अक्टूबर को डॉ. शहाबुद्दीन शेख ने ‘देवनागरी लिपि : उद्भव, विकास एवं विशेषताएं’ इस विषय पर विस्तृत रूप से व्याख्यान देते हुए कहा कि वैश्विक स्तर की एक मात्र वैज्ञानिक लिपि देवनागरी अन्य समस्त लिपियों की तुलना में लेखन की दृष्टि से अत्यंत सहज,सरल व सुगम; सौंदर्य की दृष्टि से सुंदर तथा पठन की दृष्टि से अत्यधिक सुपाठ्य है। 

4 अक्टूबर को ‘अनुवाद : परिभाषा, प्रक्रिया एवं महत्व’ विषय पर व्याख्यान में डॉ. शेख ने कहा कि अनुवाद में मूल का रंग फीका नहीं होना चाहिए। आज अनुवाद हमारे जीवन का अंग है। एक जमाने में दोयम दर्जे का कहा जाने वाला अनुवाद ने आज अपनी स्वतंत्र सता स्थापित की है। परिणामत: अनुवाद को मूल जैसा सम्मान प्राप्त हो चुका है। 

5 अक्टूबर 2023 को उन्होंने ‘शोध : प्रविधि और प्रक्रिया’ विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए कहा कि शोध एक अनुशासित प्रक्रिया है, जिसके सम्मुख अनेक चुनौतियाँ है। अत: शोध की प्रविधि और प्रक्रिया’ को ध्यान में रखते हुए प्रभावी एवं समाज उपयोगी शोध होने चाहिए। 

साहित्य के शोधार्थी तुलनात्मक अध्ययन, अनुवाद, लोकसाहित्य, लोकगीत आदि विषयों पर शोध कार्य के लिए विशेष रूप से आगे आए। भारतीय ज्ञान परंपरा के परिप्रेक्ष्य में शोध के लिए अनेक अवसर उपलब्ध हैं। तीनों व्याख्यानों की अध्यक्षता साहित्य एवं भाषा अध्ययनशाला (हिंदी) की प्रोफेसर डॉ. शैल शर्मा ने की। 

व्याख्यान आयोजन की समन्वयक डॉ. मधुलता बारा ने प्रास्तविक भाषण दिया तथा डॉ. गिरिजा शंकर गौतम ने संचालन व आभार ज्ञापन किया। तीन दिनों तक चल रहे इन व्याख्यानों में हिंदी विभाग के स्नातकोत्तर कक्षा के विद्यार्थी, शोधार्थी तथा विभाग के सभी अध्यापकों की गरिमामयी उपस्थिति रही। प्रत्येक व्याख्यानों की समाप्ति के बाद विद्यार्थियों एवं शोधार्थीयों के प्रश्नों एवं समस्याओं का डॉ. शेख द्वारा समाधान किया गया। 

व्याख्यानों की समाप्ति के पश्चात डॉ. शहाबुद्दीन शेख सहित हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. शैल शर्मा, डॉ मधुलता बारा  तथा डॉ. गिरिजा शंकर गौतम ने पंडित रवि शंकर विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति प्रोफेसर सच्चिदानंद शुक्ल से भेंट की तथा कुलपति महोदय को संपन्न व्याख्यानों के विषय से अवगत कराया तथा कुलपति महोदय ने इस अभिनव उपक्रम पर केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करते हुए अतीव प्रसन्नता प्रकट की।
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