अविस्मरणीय यादें छोड़ गई शिवमहापुराण कथा
https://www.zeromilepress.com/2023/10/blog-post_36.html
नागपुर। लोकसेवा प्रतिष्ठान और मोहन मते मित्र परिवार द्वारा आयोजित दिघोरी के बहादुरा उमरेड रोड के सौ एकड़ के विशाल मैदान के शिवमंडपम में संतरानगरी संत नगरी के रूप में तब्द्दील हो गई.
5 दिवसीय कथा के 5 वे कथादिवस के मौके पर नवरात्रि की सप्तमी होने के कारण और उसके बावजूद कोराडी, अग्यारामदेवी, पारडी जैसे मंदिर में श्रद्धालुगण दर्शन के पश्चात सुबह से ही कथा पंडाल में पहुंच गए।आज की विराम दिवस की कथा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पंडित प्रदीप मिश्रा को पुष्पहार दुपट्टा देकर सत्कार किया.
पंडित मिश्रा ने भी नितिन गडकरी को दुपट्टा देकर सम्मान किया. नितिन गडकरी ने शिवमहापुराण कथा श्रवण कर रहे श्रोताओं के सुख,समृद्धि की कामना की। आज के प्रमुख प्रसंग में वर्तमान दौर में विवाह प्रसंग और पूर्व के समय के विवाह प्रसंग की तुलना बताई.
पवित्र गंगा, यमुना, सरस्वती, सरयू, मन्दाकिनी पवित्र नदियों की महत्ता बताई. कथा के दौरान तिरुपति भगवन दर्शन का महत्त्व, संत, साधु, सन्यासी, त्यागी से खाहि गृहस्ताश्रम श्रेष्ट और कठिन तप है. कथा के बीच बीच में भजनों में मेरा भोला नगर में आया है...। अन्य प्रसंग में संत तुकाराम, नामदेव, मीरा, कर्मबाई, मुक्ताबाई की भक्ति पर प्रकाश डाला।
शंकर के मंत्रोच्चारण की शक्ति का उल्लेख भी किया उन्होंने कहा कि निर्मल,शुद्ध भाव से शिव की आराधना और पुकार से उनकी शरण अवश्य मिलती है. श्री शिवय नमस्तुभ्यं का महत्त्व भी इस दौरान बताया.उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई व्यक्ति गंगा, काशी, विश्वनाथ का नाम जपता है। उसे अवश्य ही संजीवनी मन्त्र का फायदा होता है.
आज सत्यभामा, रुक्मिणी, द्रौपदी के साथ श्रीकृष्ण के प्रसंग का वर्णन किया. भगवान् शिव को 56 भोग नहीं चढ़कर उन्हें प्रिय बिल्वपत्र,धतूरा चढ़ाकर प्रसन्न किया जा सकता है. संजीवनी मन्त्र को पाने के लिए इंद्र को भी कठिनाई हुई. वृद्धाश्रम, अनाथालय,गरीब को दिए जानेवाले डोनेशन की चर्चा कथा के दौरान दी.आज त्योहारों पर चल रहे धन,मेवा मिठाई से अधिक उन्हें मन से जोड़ने का आह्वान किया.
अहंकार त्यागने की बात उन्होंने विराम दिवस पर कही. इंद्र की बेटी जयंती से संजीवनी मंत्र का संवाद भी बताया. जयंती द्वारा शुक्राचार्य के तप तोड़ने का प्रसंग भी बताई.यहाँ पर व्यापक पुलिस, स्वास्थ्य, सफाई,बैठक व्यवस्था की गई.
गत दिनों के आयोजन, पत्रपरिषद के दौरान विश्व की सबसे छोटी महिला ज्योति आमगे भी पहुंची. कथा मण्डप को भी संत महात्मा,सामाजिक कार्यकर्त्ता, विधायक, संसद सदस्य सहित गणमान्यों ने स्वेच्छाभेंट दी. मंच पर भी गीत संगीत के दौरान ढोलक, शहनाई, हारमोनियम गायकों ने कथा श्रवणकर्ताओं में भक्ति का संचार कर दिया.
5 दिव्य दिवसीय कथा के दौरान रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, डोंगरगढ़, जबलपुर, गोंदिया, भंडारा, कोराडी, यवतमाल, वर्धा, अकोला, अमरावती, दिल्ली, मुंबई, सावनेर, काटोल, तुमसर, रामटेक, बुलढाणा, चंद्रपुर, बल्लारशॉ,धामणगांव, जलगांव,सीहोर, इंदौर, भिलाई सहित देशभर से लाखों भक्तों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. साथ साथ नागपुर, कामठी परिसर में लाखों श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण का लाभ उठाया।कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, यातायात सुरक्षा समिति के चंद्रशेखर मोहिते, मोहन मते एवं गणमान्य उपस्थित थे.
आयोजन की सफलतार्थ मोहन मते मित्र परिवार के सैकड़ों सदस्यों ने 5 दिन अपनी अमूल्य सेवाएं दी. रोजाना की महाआरती में भी 5 दिन में आरती का लाभ लिया.
इस अवसर पर विविध समाचार पत्र,यु ट्यूब, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनल, इंडिया न्यूज़ चैनल की तरफ से मनीषा श्रीवास, हप्पेनिंग टुडे के संपादक अमित वानखेड़े,वरिष्ठ पत्रकार आनन्दमनोहर जोशी, पत्रकार टीकाराम साहू का महत्वपूर्ण योगदान रहा. आयोजन की सफलतार्थ भगवान् भंसाली,नगरसेवक हितेश जोशी, चंदन गोस्वामी, संजय चिंचोले सहित स्वयंसेवक पुरुष, महिलाओं ने प्रयास किये.
अनेक श्रद्धालुओं को कथाश्रवण से लाभ होने पर हजारों पत्र भी आये.स्वच्छता समिति, सुरक्षा समिति, बैठने की व्यवस्था समिति, बिजली, पानी, भोजन, मंच व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था, पुलिस अधिकारी, जिला, नगरपालिका प्रशासन आदि के विशेष सहयोग से कार्यक्रम सफल हुआ. कथा प्रवक्ता पंडित प्रदीप मिश्रा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किए.