द़ृष्टिहीन कलाकारों द्वारा संगीतकार रवींद्र जैन को आदरांजली
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नागपुर। सुप्रसिद्ध संगीतकार पद्मश्री रवींद्र जैन की पुण्यतिथी के उपलक्ष्य में आयोजित संगीतमय कार्यक्रम में द़ृष्टिहीन और बहुमुखी प्रतिभा के धनी कलाकारोंने उनके संगीतबद्ध गाणे प्रस्तुत करके उनको आदरांजली अर्पण की.
प्रज्वल बहुउद्देशीय सेवा संस्था की ओर से ‘नजर आती नही मंजिल’ इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.
रेशीमबाग स्थित भट सभागृह में ये कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में तहसीलदार प्रताप वाघमारे, समाजसेविका सौ. वृंदा ठाकरे, बेसा-बेलतरोडीचे सरपंच सुरेंद्र बानाईत, गॅलक्सी सोलर के संचालक श्यामल चॅटर्जी, समाजसेवक खुशाल ढाक आदी मान्यवर उपस्थित थे.
कार्यक्रम की शुरुआत उपस्थित सभी कलाकारों द्वारा ‘मंगल भवन’ आणि ‘जय शारदे’ ये गीत प्रस्तुत करके हुई. इसके बाद दशरथ जोगदंड ने ‘सुनैना सुनैना’, ‘सुन के तेरी पुकार’, पूर्वा ने ‘आईये मेहेरबा’, ‘चंद्रा’, धीरज चौरपगार ने ‘नजर आती नही मंजील’, अश्विनी पवार ने ‘मै हुँ खुशरंग दिल’, ‘अखियों के झरोकोंसे’, सागर मधुमतके ने ‘घुंगरू की तरह’, हरीश ने ‘आज से पहले’,
विकास ने ‘गीत गाता चल ओ साथी’ ये गीत बहोत ही अच्छे पेश किये. इसके बाद साची कहे, कौन दिसा में, गोरी तेरा गाव बडा प्यारा, सलोना सा सजन है, भीमरावाने देशावरती, सुन साहेबा सुन, सोना करे झिलमिल, आई तुझ्या मूर्तीवानी, हुस्न पहाडों का, देर ना हो जाए आदी एक से बढकर एक गीत कलाकारोंने प्रस्तुत किये.
इस कार्यक्रम की विशेषता ये थी के सहभागी सभी गायक कलाकार आणि वाद्यवृंद द़ृष्टिहीन थे. चैतन्य (तबला), अमोल गोडघासे (ऑक्टोपॅड), पवन ओक (कीबोर्ड) और गजानन इन वाद्यवृदोंने गायक कलाकारों को अच्छी साथसंगत की. ये कलाकार वाशीम के चैतन्य सेवांकुर ग्रूप के थे.
ध्वनी व्यवस्था रिषभ की, लाईट मायकल, स्टेज व्यवस्था राजेश अमिन ने संभाली. कार्यक्रम की संकल्पना सुनील आर गजभिये की थी. कार्यक्रम हा बहारदार निवेदन ज्योती भगत ने किया. कार्यक्रम का आयोजन कम्फर्ट का और प्रायोजकत्व नागपूर महानगरपालिका के मीलन ग्रूपने स्वीकारा. कार्यक्रम में संगीतप्रेमी बडी संख्या में उपस्थित थे.