'अध्यात्म और आधुनिकता' विषय पर वक्ताओं ने रखे विचार
https://www.zeromilepress.com/2023/10/blog-post_16.html
नागपुर। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में सप्तरंग महिला चेतना मंच द्वारा आयोजित मासिक कार्यक्रम की श्रृंखला में 'अध्यात्म और आधुनिकता' इस विषय पर सुधी वक्ताओं ने पटल पर अपने विचार रखे।
विशेष अतिथि विलासिनी नायर ने वेदों पर भाष्य प्रस्तुत किया तो अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रगति पाटिल ने अध्यात्म से जुड़े सामाजिक सन्दर्भों पर अपना मंतव्य प्रकट किया। डाॅ शीला भार्गव एवं इन्दिरा किसलय ने विषय पर सारगर्भित विवेचन पेश कर कहा कि आधुनिक युग में अध्यात्म पथ से ही सफलता एवं शान्ति पाई जा सकती है।
कार्यक्रम का संचालन सप्तरंग संयोजिका डाॅ स्वर्णिमा सिन्हा ने किया। मनु मडावी ने आभार माना।अंतरंग संयोजिका शगुफ़्ता काजी एवं सह संयोजिका सुजाता दुबे मंच पर विराजमान थीं।
कार्यक्रम का द्वितीय सत्र भजनों पर केन्द्रित रहा।
सर्व श्रीमती निर्मला पांडे, मधु सिंघी, सरोज गर्ग, रश्मी मिश्रा, उमा हरगन, संतोष बुधराजा, किरण हटवार, सुरेखा खरे, रजनी कौशिक, ऋतु असई, स्वाति पैंतिया, छवि चक्रवर्ती, लक्ष्मी वर्मा, विशाखा खंडेलवाल, पूनम पाडिया, नंदिनी सुधामाला, दीप्ती पांडया, ज्योति राठी आदि ने सुमधुर भजनों से समां बांधा।