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महाराष्ट्र के व्यापारियों की पूना में 5 अक्टूबर को राज्यव्यापी भव्य सम्मेलन

नागपुर। महाराष्ट्र राज्य के व्यापारियों का भव्य सम्मेलन 5 अक्टूबर को पूना में आयोजित होने जा रहा है जिसमें फैम मुंबई के अध्यक्ष जितेंद्र शाह कमिट मुंबई के अध्यक्ष दीपेन भाई अग्रवाल के साथ राज्य के सभी बड़ी फेडरल बॉडी के पदाधिकारी शामिल होंगे फैम मुंबई के उपाध्यक्ष प्रताप मोटवानी ने बताया कि इसके लिए सभी फेडरल बॉडी को सम्मिलित कर महाराष्ट्र राज्य कृति समिति बनाई गई है जिसमे चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज महाराष्ट्र और कृषि, (MACCIA), संघों का संघ महाराष्ट्र के (FAM) चैंबर ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र,उद्योग और व्यापार (CAMIT) अनाज, चावल और तिलहन व्यापारी संघ (ग्रोमा) पूना मर्चेंट्स चैंबर पीएमसी शामिल है। 

इनके पदाधिकारी  ललित गांधी (MACCIA) जीतेन्द्र शाह (FAM) मोहनभाई गुरनानी (CAMIT),दीपेन अग्रवाल (CAMIT) भीड़। शरदभाई मारू (ग्रोमा) राजेंद्र बाठिया (पीएमसी) पूना मर्चेंट्स चैंबर रायकुमार नाहर (पीएमसी) जुड़े है। महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (मुंबई), फेडरेशन ऑफएसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र (मुंबई), चैंबर ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड (मुंबई), द ग्रेन, राइस एंड ऑयल सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन (मुंबई) और द पूना मर्चेंट्स चैंबर (पुणे) के सहयोग से महाराष्ट्र राज्य मर्चेंट्स एक्शन कमेटी का निर्माण किया गया है फैम मुंबई के उपाध्यक्ष प्रताप मोटवानी ने बताया कि पूना में यह भव्य सम्मेलन  दिन गुरुवार  गणेश कला क्रीड़ा मंच 05 अक्टूबर को प्रातः 10 बजे स्वारगेट, पुणे में महाराष्ट्र में सभी कृषि उपज बाजार समिति और खाद्यान्न का व्यापार व्यापारियों के लिए प्रदेशव्यापी सम्मेलन का आयोजन किया गया है। उक्त परिषद् को महाराष्ट्र
 
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजितदादा पवार, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस, अब्दुल सत्तार, विधायक माधुरीताई मिसाल और राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुनील सिंघी उपस्थित रहेंगे। मोटवानी ने बताया कि राज्यव्यापी सम्मेलन में चर्चा के विषय निम्न लिखित है :
 1) सेस समाप्त करें - उक्त कानून केवल किसानों के माल के लिए होना चाहिए।  अन्य व्यापारियों से अथवा उक्त कानून आयातित वस्तुओं पर लागू नहीं किया जाना चाहिए।  इसके अलावा किसानों या माल से नहीं आने वाले माल पर भी सेस (मंडी शुल्क) समाप्त किया जाए।
 
2.) ज्यादातर खाने-पीने की चीजों पर 5 फीसदी जीएसटी लगता है.  जैसे एक देश एक कर की अवधारणा और जीएसटी, जब राज्य का 2.5% राजस्व प्राप्त होता है तो उपकर की आवश्यकता नहीं होती है।  बिना किसी कारण के इतना सामान्य
 'नागरिकों पर बोझ बढ़ेगा और महंगाई बढ़ाने में मदद मिलेगी।
3.) गोदाम क्षेत्र के आधार पर एमआईडीसी के अनुसार वार्षिक रखरखाव लगाया जाना चाहिए।
4.) यूजर चार्ज कानून रद्द किया जाए।  बाज़ार समिति व्यापार और उपभोक्ता सुविधा व्यापार का पूरक बाजार परिसर में होना चाहिए। गैर-उपकरित वस्तुओं पर प्रतिशत के रूप में कर नहीं लगाया जाना चाहिए। खराब होने वाली और न खराब होने वाली वस्तुओं के नियम-कायदे अलग-अलग होने चाहिए।

6.)लाइसेंस प्रक्रिया ऑनलाइन की जाए।
7.) महाराष्ट्र सरकार के यूडीपीसीआर एक्ट के मुताबिक बाजार समिति में भूखंडों पर निर्माण की अनुमति मिलनी चाहिए, इसके लिए सरकार को बाजार समिति के लिए विशेष नियम बनाने चाहिए.  इसलिए यहां व्यापार के लिए अधिक गुंजाइश है। मिलेगा और व्यापार के साथ-साथ बाजार समिति की आय भी बढ़ेगी।
8.) एफएसएसएआई अधिनियम के अनुसार लाइसेंस शर्त संख्या 14 को रद्द किया जाए। इसके अलावा रिपैकर श्रेणी में खाद्यान्न, सूखे मेवे आदि भी शामिल हैं।
अन्य व्यापारियों को कानून द्वारा हर 6 महीने में नमूनों की जांच करना और उनकी रिपोर्ट FOSCOS साइट पर अपलोड करना आवश्यक है
प्रावधान को निरस्त किया जाना चाहिए।

9.) ईमानदार करदाताओं को जीएसटी अधिनियम की धारा 16 (2) और धारा 16 (2) (सी)। यह अनुचित है कि जिस व्यक्ति ने आपूर्तिकर्ता को जीएसटी कर राशि का भुगतान किया है, उसने इसे सरकार के पास जमा नहीं किया हैतो यह खरीदार पर निर्भर हैदोबारा नहीं भरना चाहिए।
उपरोक्त सभी मुदों पर विस्तृत चर्चा होंगी और इसके लिए सरकार से बातचीत और आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
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