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राष्ट्रीय एकात्मता की सूत्रधार है हिन्दी : तुषारकांत पाण्डेय

नागपुर। हिन्दी राष्ट्र को जोड़ने वाली भाषा है। हिन्दी के माध्यम से भारतीय राष्ट्रीय एकात्मता कायम हुई है। यह हमारी राष्ट्रीय एकता का सूत्रधार है। यह बात मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक तुषारकांत पाण्डेय ने हिन्दी दिवस के अवसर पर कही। वे राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में बोल रहे थे। 

उन्होंने कहा कि हिन्दी सिर्फ एक भाषा नहीं है बल्कि हमारी राष्ट्रीय अस्मिता को एकसूत्रता प्रदान का माध्यम भी है। इसके जरिए समाज और संघीय व्यवस्था को सुचारू रूप से परिचालित करने का स्वप्न देखा गया था। भारतीय संविधान में इसी अपेक्षा से हिन्दी को केंद्रीय राजभाषा के रूप में अंगीकृत किया गया है। 

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मध्य रेलवे के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक कृष्णनाथ पाटिल ने कहा कि हिन्दी भारतीय समाज की पहचान है। हिन्दी राष्ट्रीय व्यवहार की भाषा होने के साथ, देश के जन-मन की वाणी है। हिन्दी की राष्ट्रीय व्याप्ति और स्वीकृति इसका परिचायक है। 

इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त आशुतोष पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में हिन्दी की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि भारतीय राष्ट्रीय जागरण और स्वाधीनता संग्राम में हिन्दी ने सेतुबंध का कार्य किया। आज के दौर में राष्ट्रीय हितों के संरक्षण में हिन्दी सहित भारतीय भाषाओं के महत्व को समझने और स्वीकारने की आवश्यकता है। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने की। 

उन्होंने अपने उद्बोधन में हिन्दी को राष्ट्र की उन्नति का आधार बताते हुए कहा कि हिन्दी केवल राजभाषा नहीं है, वह हमारे समस्त मानवीय सरोकार की भाषा है। इसके माध्यम से भारतीय समाज व्यवस्था के कार्यालयीन कामकाज के साथ राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्पर्क और संवाद सुलभ हो सका है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. लखेश्वर चंद्रवंशी ने तथा आभार प्रदर्शन डॉ. संतोष गिरहे ने व्यक्त किया। 

इस अवसर पर डॉ. एकादशी जैतवार, डॉ. सपना तिवारी, डॉ  सुमित सिंह, डॉ. कुंजन लाल लिल्हारे, प्रा. जागृति सिंह, प्रा. रुपाली हिवसे, प्रा. दामोदर द्विवेदी सहित अनेक महाविद्यालयों के प्राध्यापक, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित थे।
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