हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में बहुभाषी हिंदी संगोष्ठी का सफ़ल आयोजन
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नागपुर। अखिल भारतीय हिंदी संस्था संघ, नई दिल्ली एवं महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे, विदर्भ विभाग नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में 14 सितंबर बहुभाषी हिंदी संगोष्ठी का आयोजन किया गया .
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. गिरीश गाँधी ने की. कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि अजय पाटिल ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी. उन्होंने हिंदी के प्रचार - प्रसार के माध्यम से हिंदी को सम्पर्क भाषा एवं जन जन की भाषा बनाने की बात कही. कार्यक्रम का शानदार संचालन शगुफ़्ता क़ाज़ी ने किया, आभार प्रदर्शन की रस्म रीमा दीवान चड्ढा ने पूरी की.
संगोष्ठी में संस्कृत की विदूषी डॉ. लीना रस्तोगी ने संस्कृत को भाषाओं की जननी बताते हुए उसके विभिन्न शब्दों का उल्लेख कर संस्कृत में अपनी कविता सुनाई तथा उसका हिंदी अनुवाद भी प्रस्तुत किया. हिंदी की विदूषी आशा पांडे ने विभिन्न भाषाओं की पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद कर उन भाषाओं की रचनाओं का हिंदी भाषी भी आनंद लेने की बात कही.
उन्होंने अपनी हिंदी की कविता सुनाई. मराठी की विदूषी डॉ.सुरुचि डबीर ने निसर्ग से प्रेरित इंद्रधनुष, मेघ, अंबर आदि पर आधारित अपनी सुंदर कविता मराठी में सुनाकर उसका हिंदी में अनुवाद भी प्रस्तुत किया.
गुजरती की विदूषी प्रभा मेहता ने गुजरती में कविता तथा उसका हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किया. उन्होंने भाषा को माँ का दर्जा दिया, बांगला की विदूषी मंदिरा गाँगुली ने बांगला कविता जो की मेघ, बिजली आदि निसर्ग को लेकर थी उसे सुनाकर उसका हिंदी अनुवाद भी प्रस्तुत किया.
अध्यक्षिय वक्तव्य में गिरीश गाँधी ने अपने मौलिक विचार प्रस्तुत कर सभी भाषाओं को समान अधिकार तथा सम्मान देकर बहुसंख्यकीय भाषियों ने अल्पसंख्यकीय भाषियों को साथ लेकर चलने को कहा. कार्यक्रम में बहुत संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे.