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हिंदी कार्यशाला से हुए हिंदी शिक्षक लाभान्वित

नागपुर। राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर भारती भवन ने सफलतापूर्वकआयोजित किया हिंदी भाषा की संपन्नता का उत्सव। 21वी सदी में हिंदी भाषा की उपयोगिता को मद्देनजर रखते हुए हिंदी शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला के मुख्य बिंदु थे कोविड के बाद शिक्षण पद्धति में बदलाव, ध्वनि कंपन, स्पंदन, स्वर साधना व भाषा एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020एवं भाषा। नागपुर स्थित चिटनवीस केंद्र में आयोजित हिंदी कार्यशाला में 60 से अधिक शिक्षकों ने प्रशिक्षण का लाभ प्राप्त किया। 

प्रमुख वक्त उषा छावड़ा का गर्मजोशी से अनूप राणा एवं शुभम खापेकर ने भारती भवन की ओर से स्वागत किया। गतिशीलता और सकारात्मकता की प्रतिमूर्ति श्रीमती उषा छावड़ा अपने दृढ़ संकल्प और समर्पण की वजह सेकार्यशाला में उपस्थित सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणा बन गई। 

विगत 24 वर्षों में बतौर लेखक, स्टोरी टेलर, प्रशिक्षक वे अपनी खास पहचान बन चुकी हैं। हिंदी भाषा को किस तरह सामान्य विद्यार्थियों की पसंदीदा भाषा कैसे बनाई जा सकती है, उच्चारण में होने वाली अशुद्धियों, मात्राओं की गलतियों जैसी चुनौतियों से कैसे निपटा जाए इस संदर्भ में उषा छावड़ा ने अपनी सहज एवं सरल भाषा शैली से रोचक जानकारियां दी। कविता गीत एवं संगीत के साथ विषय को कैसे रोचक बनाया जा सकता है यह भी बखूबी सिखाया। सभी शिक्षकों ने कार्यशाला का लुफ्त उठाया। 

अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल के प्राचार्य राजेंद्र मिश्र ने कार्यशाला में उपस्थित सभी शिक्षकों की ओर से श्रीमती उषा छावड़ा का अभिनंदन किया और कहा राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यशाला वर्षों याद की जाएगी। उन्होंने 3 घंटे की इस कार्यशाला में हिंदी से जुड़ी चुनौतियों का समाधान समझाया ।उन्होंने भारतीय भवन को भी धन्यवाद दिया।
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