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उभरते सितारे में 'परिवार में मिठास'

नागपुर। परिवार में पारस्परिक सौजन्यता से ही बच्चों को संस्कार मिलता है। परिवार से ही सामाजिक उत्तरदायित्व के सभी गुण मिलते हैं, और सामाजिक धरोहर एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जाते हैं। यह विचार श्री नरेश बहादुर सिंह जी ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखा। 

उन्होंने कहा कि आज मोबाइल और इंटरनेट से परिवार में दूरियां बढ़ती जा रही है। इसके ज्यादा इस्तेमाल से सभी की आजादी और निजता चली गई है। लेकिन, इसके सही इस्तेमाल एक वरदान की तरह लाभप्रद है।  वहीं अनावश्यक रूप से नुकसानदेह भी है। इसके साथ ही और भी महत्वपूर्ण जानकारी उन्होंने बच्चों को दी।

विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाशाली कलाकारों के लिए लोकप्रिय उपक्रम उभरते सितारे। जिसके अंतर्गत ज्ञानवर्धक और संगीतमय कार्यक्रम, उत्कर्ष हॉल में आयोजित किया गया। जिसमें वेकोली के सेवानिवृत्त मुख्य प्रबंधक श्री नरेश बहादुर सिंह जी अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इनका सत्कार संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागत वस्त्र और स्मृतिचिन्ह देकर किया।

सबसे पहले कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए युवराज चौधरी ने 'परिवार में मिठास' विषय पर बच्चों और उनके अभिभावकों को वर्तमान परिस्थितियों में पारिवारिक स्थितियों का विश्लेषण के साथ ही मोबाइल और इंटरनेट के उपयोगिता से प्रभावित जनजीवन का उल्लेख किया। 

तत्पश्चात, कुछ बच्चों ने भी इस विषय पर प्रकाश डालते हुए बहुत ही सुंदर गीतों की  शानदार प्रस्तुतियां दी। जिसमें आनंद डोंगरे, लक्ष्मीनारायण केसकर, धनंजय गाडे, कृष्णा कपूर, वैशाली मदारे, मिनाक्षी केसरवानी, राम बागल और भव्या अरोरा ने सबका मन मोह लिया।

प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को सुभाष तिरपुड़े,  जवाहर राव, मोहन खन्ना, बाबा खान, स्वरा रत्नपारखी, मोनिका रेमंडल, अभिजीत बागल,  वेदप्रकाश अरोरा और विजय कुमार आदि ने खूब सराहा। 

कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग दिया। कार्यक्रम का कुशल संचालन वैशाली मदारे ने किया। तथा उपस्थित दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।
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