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हिंदी को राष्ट्रिय के साथ अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व मिलना शुरू

नागपुर (आनंदमनोहर जोशी)। आज विश्व हिंदी दिवस पर सरकारी कार्यालयों में विविध आयोजन,कवि सम्मलेन के आयोजन के बीच पखवाड़ा,सप्ताह मनाये जाने की परम्परा का निर्वाह होगा.लेकिन वर्ष भर इंग्लिश भाषा में वार्तालाप,नेताओं के भाषण होते है.केवल सीमित समय के लिए हिंदी को याद किया जाता है. जबकि हाल ही में जी-20 के आयोजन दिल्ली में हुए. जिसमें देश की भाषा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताओं को संबोधित किया.साथ साथ अमेरिका,बांग्लादेश से आये प्रधानमंत्री, साथ में आये प्रतिनिधियों ने भी हिंदी भाषा में मीडिया के साथ बातचीत की.

वैसे भी रूस में भी भारतीय भाषा हिंदी को महत्त्व दिया जाता है.भारत के पड़ोसी देश में नेपाल में भी करोड़ों नेपाली नागरिक हिंदी भाषा में बात करते है.विश्व में 800 करोड़ लोगों मे से भारत देश के 140 करोड़ नागरिकों में से अधिकांश नागरिक हिंदी भाषा का प्रयोग करते है.देश की भाषा में देश की धड़कन से ही भारत का उत्थान होगा. 

संविधान निर्माता ने भी भारत में अनेक भाषाओं, मातृभाषाओं. के चलते हिंदी भाषा को राजभाषा का सम्मान दिया यह बड़े सम्मान की बात है.लेकिन अब भारत द्वारा 56 से ज्यादा देशों में हिंदी के विश्व में बोलचाल की भाषा को प्रयोग में लाये जानेपर राष्ट्रिय स्तर पर राष्ट्रभाषा के साथ अंतरराष्ट्रीय सम्मान जरूरी है.

आज भारत के सबसे बड़े बैंको में रिज़र्व बैंक, बैंक ऑफ़ इंडिया, बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र, स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया जैसे देश के बैंक के साथ सार्वजनिक स्थानों पर हिंदी का प्रचलन बढ़ रहा है. भारत जैसे देश में शिक्षा, व्यापार, विज्ञान, अभियांत्रिक, कृषि, इतिहास, भूगोल, भूगर्भशास्त्र, स्वस्थ्य, आयुर्वेद संस्थानों में बड़ी आबादी हिंदी का बोलचाल के साथ लिखने और पढ़ने के लिए हिंदी भाषा का सहारा ले रहे है ऐसे बड़ी आबादीवाले देश की सरकार को राजभाषा के साथ राष्ट्र्भाषा का सम्मान दिलाना जरुरी है. 

संसद भवन, विधान सभा, पंचायत, ग्रामपंचायत, रेलवे स्टेशन, बस स्थानक, हवाईअड्डे सहित सार्वजनिक क्षत्र में हिंदी भाषा को पूर्ण रूप से सम्मान देना होगा.भारत के 77 वर्ष स्वतन्त्रता के पूर्ण होने पर भी अनेक शालाओं में अभी भी अंग्रेजी भाषा का वर्चस्व है.

भारत के मानव जीवविज्ञान, स्वास्थ्य, औषधि क्षेत्र में दवाइयों, डॉक्टर की पर्चियों पर,अदालत के काम काज में स्वतन्त्रता के 77 वर्ष बाद भी अंग्र्जों भाषा का प्रभुत्व है. इंडिया शब्द को संविधान में भारत कहकर लिखा गया है.हिंदी भाषा को बिना किसी भेदभाव के राष्ट्रभाषा के साथ साथ विश्वस्तर पर महत्त्व देकर ही विश्व हिंदी दिवस को सार्थक किया जा सकता है. 

अब जबकि अनेक देशों में भारत के प्रति नजरिया बदल रहा है. वहीँ विश्व के अनेक लोगों में हिंदी सीखने के प्रति धारणा भी बदलने लगी है. देश की भाषा में देश की धड़कन से ही प्रगति के आसार है, हाल ही में चन्द्रयान, सूर्य मिशन, समुद्रयान जैसे प्रमुख क्षेत्र में मिल रही सफलताएँ प्रमुख उदाहरण है.

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