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उभरते सितारे में 'तराने सुहाने'



नागपुर। जो प्रयत्न करते हैं, उनकी जीत होती ही है। यह विचार श्रीमती अमृता जोशी पेंडके ने रखें। बच्चों को समझाते हुए उन्होंने, 'उभरते सितारे' मंच की सराहना और इसकी आवश्यकता की बात कही। तथा ताल को समझते हुए सरल गीत का चुनाव करने का बच्चों को समझाया। एवं जीवन का सार बताते हुए एक सुंदर गीत 'यह जीवन है' उन्होंने गाकर सुनाया।

विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का सदाबहार लोकप्रिय पर उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'तराने सुहाने' विषय पर शानदार कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें, अतिथि के रूप में भवंस कोराडी स्कूल की संगीत शिक्षिका श्रीमती अमृता जोशी पेंडके जी उपस्थित थी। इनका सत्कार सह संयोजिका वैशाली मदारे ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। तथा कृष्णा कपूर ने सहयोग किया। इस अवसर पर मनपा के पूर्व सभापति वंदना भगत भी प्रमुखता से उपस्थित थीं।

शुरुआत में कार्यक्रम की प्रस्तावना संयोजक युवराज चौधरी ने रखी। जिसमें उन्होंने सभी भारत वासियों को शुभकामनाएं दी। तथा चंद्रयान-3 की सफलता के लिए इसरो के सभी वैज्ञानिकों को हृदय से धन्यवाद भी दिया। कार्यक्रम की थीम 'तराने सुहाने', जो मन को भाए और मन में समाए विषय को भी बच्चों को समझाया। तत्पश्चात बच्चों ने अपनी प्रतिभा से सबका मन मोह लिया। 

जिसमें जानवी तामगडे, ईधा मजूमदार, ओजस्वी नास्कर, श्रीजा जोशी, काव्या दयानी, संगिनी जैस्वाल, भाविक सेतिया, विवान मखीजा, कोयल गेहानी, कृतिका बलवानी, अवंतिका इसरानी और आर्यन पवार आदि ने शानदार गीत सुनाए।  नृत्य की लयकारी और भावपूर्ण अभिव्यक्ति को विधी जौंजाड और संपूर्णा रेमंडल ने बेहतरीन प्रस्तुतियां से मन मोह लिया।

नवोदित कलाकारों की प्रस्तुतियों को बाबा खान, आनंद डोंगरे, सीमा लूहा, मधुरा मजूमदार, मोनिका रेमंडल, पूजा मखीजा, पूनम पाडिया, बी नर्मदा, जगदीश दळवी, मोहम्मद शहजाद आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन और आभार सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया।
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