मुजफ्फरपुर जिले के बंदरा प्रखंड के युवा लेखक संदीप की दो पुस्तकें प्रकाशित
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नागपुर/मुजफ्फरपुर। जब कुछ अलग करने की ललक मन में समाहित हो तो मुश्किलें की क्या क्षमता कि वह पथिक के कदम को रोके। जी हाँ, बिहार मे मुजफ्फरपुर जिले के बंदरा प्रखंड के सिमरा गाँव के युवा लेखक कुमार संदीप बेहद ही सामान्य परिवार से संबंध रखते हैं।
साधारण परिवार से संबंध रखते हैं पर इनकी प्रतिभा इनका हौंसला असाधारण है। संदीप 14 वर्ष के थे तो संदीप के सिर से पिता का साया उठ गया, पर इन्होंने हार ना मानने की जिद ठानी थी, इन्होंने पिता के देवलोक गमन के उपरांत भी अध्ययन जारी रखा, अध्यापन भी आरंभ कर दिया ग्रामीण परिवेश में व अपनी कलम को इन्होंने अपना हमसफ़र चुन लिया।
युवा शक्ति को प्रेरित करने के उद्देश्य से व समाज में सकारात्मक विचारों के अनगिनत दीपक प्रज्ज्वलित करने के उद्देश्य से 23 वर्षीय युवा लेखक संदीप ने दो पुस्तकें लिखीं, इनकी प्रथम पुस्तक नाम 'ज़िंदगी से जंग जीतेंगे हम' है व द्वितीय पुस्तक का नाम 'लक्ष्य:-एक अवसर' है। इनकी दोनों पुस्तकें नामानुसार प्रेरणादायक विचारों से लबरेज़ है।
विगत सात बरसों से संदीप अपने गाँव में नीजी आवास पर ही बच्चों के बीच अध्यापन कार्य में संलग्न हैं। गाँव में संदीप बच्चों के बीच ज्ञान दान करके ज्ञान का दीपक भी जला रहे हैं साथ ही अपनी कलम से लोगों के अंतर्मन में व्याप्त नकारात्मक विचारों को भी हर रहे हैं।
इतनी अल्प आयु में अपनी असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन गाँव में रहकर लोगों के बीच प्रस्तुत करना वाकई में सराहनीय कदम है। इनकी प्रतिभा इनका कौशल, वाकई में प्रसंसनीय है। संदीप की दोनों प्रेरणादायक पुस्तकें अमेज़न व फ्लिपकार्ड पर उपलब्ध हैं।