सुखी जीवन ज़िना है तो जिवन का गीत गाओ : बाल कुलकर्णी
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नागपुर/हिंगना। जीवन के बारे में रोने के बजाय जैसे कि मुझे यह नहीं मिला, मुझे वह नहीं मिला, यह समस्या है, वह समस्या है, समय उपलब्ध नहीं है, संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, पैसे की तंगी है, जो आप कर रहे हैं उसका अधिकतम लाभ उठायें.
आपके पास जो भी अवसर हैं, सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करें और जीवन का गीत गाए. यह कथन वरिष्ठ विचारक बाल कुलकर्णी ने स्व देवकी बाई बंग जूनियर कॉलेज के ग्यारहवीं के छात्रों के प्रवेश समारोह में बोलते हुए कहा.
आगे बोलते हुए बाल कुलकर्णी ने कहा कि सेल्फी लेने के बजाय सेल्फी के लिए इमेज बनाएं, समाज के हर व्यक्ति से, हर तत्व से यह सीखने का प्रयास करें कि क्या अच्छा है. हर किसी को कुछ न कुछ सीखना होता है, बस आपको उसे देखते हुए सकारात्मक सोचने की जरूरत है.
क्यों की 21वीं सदी में गुणवत्ता की अवधारणा बदल गई है. मार्कशीट में अंक नहीं बल्कि यह पहचानें कि समाज में चलने के लिए गुणवत्ता की आवश्यकता है और इसके लिए संवाद कौशल हासिल करें क्योंकि नेतृत्व उसी के पास जाता है जो संवाद कर सकता है, इसलिए कल का नेतृत्व करने के लिए आज संचार कौशल को मजबूत करना आवश्यक है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष एवं पूर्व राज्य मंत्री रमेशचंद्र बंग ने की. मंच पर मुख्य उपस्थिति के रूप में संस्था के कोषाध्यक्ष महेश बंग, निदेशिका अरुणा बंग उपस्थित थे.
इस अवसर पर 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों ने स्वागत नृत्य, कव्वाली प्रस्तुत कर 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों का स्वागत किया.
कार्यक्रम का प्रास्ताविक प्राचार्य नितिन तुपेकर, सूत्र संचालन 12वी की छात्रा करिश्मा चौधरी एवं श्रेया उमरे ने आभार अवंती बेलखुले ने माने.
कार्यक्रम के सपलतार्थ विनोद वानखेड़े, सचिन भंडारकर, सोमेश नागपुरे, इरशाद अली, श्वेता तुपेकर, अर्चना चेंडके, पूजा नारनवरे आदि ने कड़ी मेहनत की.