उभरते सितारे में 'सद्भावना दर्पण'
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नागपुर। अच्छा बीज बोएगें तो फल भी अच्छा मिलेगा, यह विचार कृषि पर्यवेक्षक श्रीमती रीता तिवारी ने रखें. उन्होंने कहा कि हमें पेड़, पौधों और इंसानों से भी समान प्रेम रखना चाहिए। उन्होंने कई फलों की विभिन्न प्रजातियों की जानकारी भी दी। और बच्चों की प्रस्तुतियों देखने के बाद यह भी कहा कि, यहां बच्चों में आत्मविश्वास बहुत अच्छा देखने को मिल रहा है।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का सदाबहार लोकप्रिय पर उपक्रम 'उभरते सितारे' । जिसके अंतर्गत 'सद्भावना दर्पण' विषय पर शानदार कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें अतिथि के रूप में कृषि पर्यवेक्षक श्रीमती रीता तिवारी जी उपस्थित थी । इनका सत्कार सह संयोजिका वैशाली मदारे ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया।
शुरुआत में कार्यक्रम की प्रस्तावना संयोजक युवराज चौधरी ने रखी। जिसमें उन्होंने सद्भावना दर्पण को विस्तृत रूप से समझाया और कहा की आपसी प्रेम, सद्भाव और मित्रता के साथ सहयोग की भावना कि आज नितांत आवश्यकता है।
तत्पश्चात, बच्चों ने अपनी प्रतिभा से सबका मन मोह लिया। जिसमें हर्षाली हरणे, श्रेया हरणे, देवांशी तलरेजा, राम बागल, त्रिशिका वाघमारे, पंखुड़ी जेठानी, जानवी तामगढे, मीनाक्षी केसरवानी, वंदना जनबंधु, ओजस्वी नस्कर, ईधा मजूमदार आदि ने शानदार गीत पेश किये । नृत्य के प्रवाह में देवांशी तलरेजा, रिधिशा बागडे, हिरण्या चरडे, शनाया शेंडे, देवयानी धोतरे, संपूर्णा रेमंडल, रिद्धी बनसोड, आयशा इमरान पाशा, ईधा मजूमदार, अधीरा वणवे, संस्कृति डाहाके, हर्षाली हरणे आदि ने बेहतरीन प्रस्तुतियां दी।
नवोदित कलाकारों की प्रस्तुतियों को कैलाश तिवारी, बाबा खान, आनंद डोंगरे, सीमा लूहा, देवस्मिता पटनायक, प्रीती बागल, मधुरा मजूमदार, मोनिका रेमंडल, कविता धोत्रे, रीता मंगलानी, वर्षा वीरवानी, पूजा मखीजा, दिया जेठानी आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा, उपस्थित सभी अभिभावक और सुधिजनों का आभार कृष्णा कपूर ने व्यक्त किया।