उभरते सितारे में 'शहीदों को नमन'
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नागपुर। भारत यह विविधता से भरा देश, अपनी विभिन्न भाषा शैली, विविध धर्म, विविध सांस्कृतिक विरासत में एकता के लिए सारे विश्व में प्रसिद्ध है। इसके लोकतांत्रिक मूल्यों की एकता के लिए एक राष्ट्रभाषा रहनी चाहिए। जोकि हिंदी के रूप में संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। यह अहिंसा और शांति प्रिय देश है। जिसकी कल्पना से भारत का राष्ट्रीय ध्वज बनाया गया है।
जिसमें महान सम्राट अशोक और बुद्ध की शांति, करुणा और मित्रता का चक्र बीच में लगाया गया है. यह विचार 92 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी लीला ताई चितले ने 'शहीदों को नमन' इस कार्यक्रम में रखें। और उन्होंने सबसे एक शपथ भी ग्रहण करवाई कि समाज में हिंसा नहीं होने देंगे।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का सदाबहार लोकप्रिय पर उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'शहीदों को नमन' विषय पर क्रांतिकारियों के नामों का उल्लेख करता हुआ शानदार संगीतमय कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जिसमें अतिथि के रूप में 92 वर्षीय फ्रीडम फाइटर्स लीला ताई चितले जी उपस्थित थी। इनका सत्कार सह संयोजिका वैशाली मदारे ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। इस अवसर पर भारतीय सेना से सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर सुनील विनायक गावपांडे विशेष रूप से उपस्थित थे जिनका सम्मान संयोजक युवराज चौधरी ने किया।
शुरुआत में कार्यक्रम की प्रस्तावना सह संयोजिका वैशाली मदारे ने रखी। उन्होंने देश के क्रांतिकारियों का जिक्र किया और बताया कि हमें आजादी आसानी के साथ नहीं बल्कि कठिन परिश्रम के द्वारा मिली है। इस अवसर पर नवोदित कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति के दौरान एक 1 क्रांतिकारियों के नाम का उल्लेख किया और अपनी प्रतिभा से मन मोह लिया।
जिसमें देश प्रेम से ओतप्रोत गीत और नृत्य के प्रवाह की भव्य तुरकर, आयुष बुरडे, श्लोक वरखडे, अनविका वैद्य, अवनी पंचबुधे, दुर्योधन निकोडे, विवान बालपांडे, श्रेया हरणे, हर्षाली हरणे, शनया शेंडे, ईधा मजूमदार, देवयानी धोत्रे, विधि जौंजाड, आद्या भिसे, निस्पृहा गडेकर और काव्या दयानी आदि ने बेहतरीन प्रस्तुतियां दी।
नवोदित कलाकारों की प्रस्तुतियों को डॉक्टर चित्रा तूर, सुनीता हरणे, मंजिरी पौनीकर, कुंदा खापेकर, दीपाली खराबे, प्रीति वांदे, श्याम उधाडे, देवस्मिता पटनायक, बाबा खान और राहुल गुप्ता आदि ने बहुत सराहा।
कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर और कृष्णा कपूर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा, उपस्थित सभी दर्शक, अभिभावक, कलाकारों और सुधिजनों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।