समृद्धि महामार्ग की दुर्घटनाओं से सीखें
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नागपुर (दिवाकर मोहोड)। नागपुर और मुंबई को जोड़ने वाला समृद्धि महामार्ग काफ़ी महत्वपूर्ण है यहा के हादसों को कम करने के लिए आवश्यक उपाय योजना एवं सुरक्षा सर्वोपरि है। विगत कुछ दिनों से इस महामार्ग पर हो रही दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए आवश्य उपाय योजनाओं पर विचार किया जा रहे है।
हालांकि दुर्भाग्य से समृद्धि राजमार्ग के खुलने के बाद से इस राजमार्ग पर अनेक दुर्घटनाएँ हुई हैं। बाद में इस हाईवे पर लगातार हादसों का सिलसिला जारी रहा।
जुलाई की घटना जिसमें एक निजी बस दुर्घटना में 25 लोग मारे गए थे, गत दिवस एक गर्डर लॉन्चर और निर्माण सामग्री गिरने से बीस मजदूरों की मौत हो गई। दरअसल ऐसे हादसे पहले भी हो चुके हैं, लेकिन उपाय करने की तत्परता नहीं दिखाई गई।
इस कार्य के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्रियों और उपकरणों का कड़ाई से निरीक्षण किया जाना चाहिए ताकि यह देखा जा सके कि सामग्री उपयोग करने के लिए सुरक्षित है या नहीं। अधिकारियों एवं दोषियों (ठेकेदारों) के खिलाफ बेहद कठोर कदम उठाने चाहिए।
समृद्धि महामार्ग पर सर्वोत्तम टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर दुघटनाओं को रोका जा सकता है। कंट्रोल रुम, वाहन में आग लगने पर प्रतिबंधक संयंत्रों का उपयोग, शीघ्र कृति दल वाहन, टोल नाके पर चैकिंग और एंबुलेंस आदि की व्यवस्था भी है।
विदित हो कि महामार्ग पर 120 किमी प्रति घंटा की वेग मर्यादा तय की गई है। इस गति सीमा को क्रास करने पर हादसों की संभावना बढ़ जाती है। इस लिए हादसों से बचने के लिए महामार्ग पर ओवरस्पीड वाहन चलानेवाले यात्रियों को भी कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है।