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आत्मनिर्भरता ही राष्ट्रीय उन्नति का पथ प्रशस्त करेगी : ओमप्रकाश शर्मा



नागपुर। भारतीय शिक्षा पद्धति में आत्मनिर्भरता पर बल दिया गया है। किंतु पश्चिमी पद्धति को अपनाने के कारण हमारी आधुनिक शिक्षा व्यवस्था में इस पर पर्याप्त विचार नहीं किया गया, जिसका परिणाम यह हुआ कि हमारे देश में शिक्षित बेरोजगारों की लंबी फौज खड़ी होती गई। नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस समस्या के समाधान के लिए ही कौशलपरक शिक्षा को प्रोत्साहित कर रही है। यह बात आत्मनिर्भर भारत प्रकोष्ठ के मध्य प्रांत के संयोजक, शिक्षाविद् ओम प्रकाश शर्मा ने कही। 

वे हिंदी विभाग, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए यह जरूरी है कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनने की शिक्षा दी जाए। ऐसी शिक्षा दी जाय, जो उन्हें स्वरोजगार की तरफ प्रेरित करे। क्योंकि आत्मनिर्भरता ही राष्ट्रीय उन्नति का पथ प्रशस्त करेगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने कहा कि आत्मनिर्भरता व्यक्तित्व विकास की पहली सीधी है। आत्मनिर्भर व्यक्ति ही समाज और राष्ट्र के विकास में उपयोगी भूमिका निभा सकता है। वह न सिर्फ अपने विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकता है बल्कि देश के अनेक युवाओं को स्वालंबी बनाने में मदद भी कर सकता है। विकसित राष्ट्र का सपना तभी साकार होगा, जब देश का युवा अपने पैरों पर खड़ा होगा। वास्तव में समुन्नत समाज का विकास तभी होगा, जबकि राष्ट्र का हर युवा कौशलपरक ज्ञान से समृद्ध होगा।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुमित सिंह ने तथा आभार प्रदर्शन विभाग के सहयोगी प्राध्यापक डॉ. संतोष गिरहे ने व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ. लखेश्वर चंद्रवंशी, डॉ. कुंजन लाल लिल्हारे,  प्रा. जागृति सिंह, प्रा. दिशांत पाटिल, प्रा. रूपाली हिवसे सहित विभाग के अनेक  विद्यार्थी उपस्थित थे।
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