डॉ. सागर खादीवाला की 'हर सफ्हः इक फलसफ़ा' लोकार्पित
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नागपुर। 'डॉ. खादीवाला के साहित्य में सूक्ष्म विश्लेषण की सजीव और सार्थक अभिव्यक्ति तो है ही साथ ही जहां आवश्यकता है वहां उन्होंने उसे टेलीस्कोपिक दृष्टि से भी बड़े प्रभावशाली ढंग से चित्रित किया है।' ये विचार थे डॉ वेद प्रकाश मिश्रा के जो उन्होंने वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सागर खादीवाला की पुस्तक 'हर सफ्ह : इक फलसफाके लोकार्पण-समारोह में प्रमुख अतिथि के रूप में बोलते हुए व्यक्त किए।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ गिरीश गांधी ने डॉ खादीवाला द्वारा पिछले 50 वर्षों से की जा रही साहित्य सेवा का विस्तृत उल्लेख करते हुए कहा कि नागपुर के साहित्य जगत में साहित्यिक गतिविधियों को प्रेरणा और गति देने में डॉ. सागर खादीवाला का महत्वपूर्ण योगदान है। उनकी यह पुस्तक एक बिल्कुल अभिनव प्रयोग है ऐसा प्रयोग आज तक कहीं पर भी नहीं हुआ है और यह नया प्रयोग साहित्य प्रकाशन को एक नई दिशा देगा।
अपना मंतव्य व्यक्त करते हुए सत्कार मूर्ति डॉ सागर खादीवाला ने पुस्तक प्रकाशन के दौरान आए विभिन्न अनुभवों तथा सजग पाठकों से मिली प्रेरणा का जिक्र करते हुए बताया की यह पुस्तक गद्य, पद्य, निबंध, समीक्षा या उपन्यास नहीं है बल्कि फेसबुक तथा व्हाट्सएप पर समय-समय पर डाली गई विभिन्न प्रकार की समसामयिक पोस्ट का लेखा-जोखा है जिसे एक स्थान पर संकलित कर प्रकाशित किया गया है।
अपनी साहित्य-यात्रा के दौरान आए कई मार्मिक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए उन्होंने सजग पाठकों का शुक्रिया अदा किया। डॉ खादीवाला ने अपनी यह पुस्तक मेजर हेमंत जकाते व श्रीमती सुलभा जकाते के नाम समर्पित की है जिन्होंने अपनी जमीन जायदाद संपत्ति फ्लैट और गहने तक समाज सेवा में समर्पित कर दिए।
इस अवसर पर जकाते दंपत्ति का सत्कार किया गया। श्रोताओं से खचाखच भरे सभागृह में समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिष्ठित नागरिक उपस्थित थे । विभिन्न संस्थाओं तथा प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा डॉ खादीवाला का सत्कार किया गया। अविनाश बागड़े ने कार्यक्रम का रोचक संचालन व संयोजक श्री अनिल मालोकर ने आभार प्रदर्शन किया।